चीन से तनाव के बीच राजनाथ सिंह बोले, स्वदेशी रक्षा क्षमता का विकास स्थायी शांति की नींव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत को रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों में शीर्ष 5 देशों में बनाना चाहते हैं। इसके जरिए डिजाइन से लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ उत्पादन आत्मनिर्भरता और अन्य मैत्रीपूर्ण देशों की मांगों के उद्देश्य को पूरा किया जाएगा।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनावपूर्ण गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत शांतप्रिय देश है और उसका मानना है कि स्वदेशी रक्षा क्षमता ‘स्थायी शांति’ की नींव है। आगामी एयरो इंडिया प्रदर्शनी पर विदेशी राजदूतों के समूह को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए सिंह ने भारत को अहम सैन्य हथियार व प्रणालियों का उत्पादन केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न सुधारों का जिक्र भी किया।
#AeroIndia has made a place for itself & be a leading international event in showcasing capabilities of Indian defence & aerospace industries. This 13th edition of the biennial air show, & aviation exhibition is scheduled to be held from Feb 3rd- 7th, 2021: Rajnath Singh https://t.co/hPfloPiXmh” rel=”nofollow
रक्षा मंत्री ने ‘एयरो इंडिया’ के लिए 75 देशों को दिया निमंत्रण
उन्होंने कहा, हम शांतिप्रिय देश हैं। हम दुनियाभर में शांति एवं स्थायित्व के लिए कटिबद्ध हैं। हम इस विश्वास के लिए प्रतिबद्ध हैं कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमता स्थायी शांति की नींव है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार इस ऑनलाइन सम्मेलन में 75 से अधिक देशों के राजदूतों, मिशन प्रमुखों और रक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। भारत को रक्षा सामग्री निर्माण के क्षेत्र में निवेश के लिए आकषर्षक स्थल के रूप में पेश करते हुए रक्षा मंत्री ने कहाकि इस दुनिया को और सुरक्षित, शांतपूर्ण और समृद्ध स्थान बनाने के लिए आपस में हाथ मिलाना होगा। हमें अपना स्वाभाविक गठबंधन बनाने की राह में आने वाली रुकावटों को दूर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत रक्षा एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में दुनिया के पांच शीर्ष देशों में आने के लिए दृढ़संकल्पित है। भारत दुनिया के उन चंद देशों में से एक है जो चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी, मुख्य युद्धक टैंक और अंतरमहाद्वीय बैलेस्टिक मिसाइलें बनाता है। राजदूतों से अपने–अपने देशों के रक्षा विनिर्माताओं एवं नीति निर्माताओं को एयरो इंडिया में शिरकत करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस उद्योग के लिए यह कार्यक्रम कारोबारी संभावनाओं को खंगालने के लिए अहम मंच है।
एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी समझा जाने वाला एयरो इंडिया अगले साल 3 से 7 फरवरी के दौरान बेंगलुर में होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत को रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों में शीर्ष 5 देशों में बनाना चाहते हैं। इसके जरिए डिजाइन से लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ उत्पादन, आत्मनिर्भरता और अन्य मैत्रीपूर्ण देशों की मांगों के उद्देश्य को पूरा किया जाएगा।