मरीज की जेब से अस्पताल में गायब हुआ पैसा, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में ड्रेसिंग कराने आया था शख्स
सरगुजा: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में अजीबो गरीब चोरी की वारदात सामने आई है. दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ड्रेसिंग के लिए आए मरीज की जेब से 7 हजार गायब हो गए. मरीज का कहना है कि वो सड़क हादसे में घायल होने के बाद मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए पहुंचा. डॉक्टरों ने जांच के बाद उसकी हालत को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया. इलाज के बाद जब मरीज की हालत में सुधार हुआ तो उसे आईसीयू से निकालकर जेनरल वार्ड में दाखिल कर दिया गया.
मरीज की जेब से पैसे गायब: पीड़ित का आरोप है कि जब उसकी ड्रेसिंग हो रही थी उसी वक्त उसकी जेब से 7 हजार रुपए निकाल लिए गए. अस्पताल में मरीज की जेब से रुपए गायब होने की खबर फैलते ही लोग घटना पर चुटकी लेने लगे. मरीज की जेब से पैसे गायब होने की खबर जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के कानों तक पहुंची तो भी हैरत में पड़ गए. आनन फानन में अधिकारियों की पहल पर मरीज की जेब से गायब हुए 7 हजार में से 5 हजार लौटा दिए गए. मरीज के जरुर 5 हजार वापस मिल गए लेकिन इस घटना से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज की साख पर जरुर बट्टा लग गया. मरीजों और तीमरदारों के बीच अब इस बात को लेकर चर्चा शुरु हो गई है कि मरीज की जेब अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं है.
घटना की जानकारी मिली है. मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी: डॉ आरसी आर्या, अस्पताल अधीक्षक, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज
बिहार का रहने वाला है मरीज: जिस मरीज की जेब से रुपए गायब हुए वह बिहार के मधेपुरा का रहने वाला है. मरीज का नाम जसीम नादाब है. पीड़ित कुसमी में रहकर ऑटो चलाने का काम करता है. जसीम की ऑटो खराब हो गई थी जिसे वो सुधरवाने के लिए मकैनिक के पास गया था. मकैनिक जब गाड़ी ठीक कर रहा था तब वो गाड़ी के पास ही बैठकर काम देख रहा था. इसी बीच मरम्मत के लिए खड़ी ऑटो लुढ़क गई और उसकी चपेट में जसीम आ गया. ऑटो ड्राइवर को पहले कुसमी अस्पताल ले जाया गया. जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज की घटना: ऑटो ड्राइवर को पहले आईसीयू में भर्ती किया गया. हालत में सुधार होने पर उसे सर्जिकल वार्ड के यूनिट नंबर 3 में रखा गया. मरीज का कहना है कि उसकी जेब में 7 हजार रखे थे. वार्ड में ड्रेसर जब उसके जख्मों की ड्रेसिंग करने आया तबतक उसके पास पैसे पड़े थे. जब ड्रेसर चला गया तो उसकी जेब खाली थी. इस बात की जानकारी मरीज ने स्टॉफ नर्सों को दी. आनन फानन में अस्पताल प्रबंधन ने जांच शुरु की और ड्रेसर की पहचान कर उससे 5 हजार रुपए वापस लिए गए.
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