गुजरात का सूरत शहर अब अंगदान में भी सबसे आगे है। सूरत शहर में सबसे कम उम्र के बच्चे का अंगदान हुआ है और भारत में इस तरह का यह पहला मामला है। यहां महज साढ़े चार दिन का शिशु दुनिया छोड़कर जाते-जाते छह बच्चों को नया जीवन देकर गया है। बताया जा रहा है कि ये नवजात जन्म के बाद से बेहोश था जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसके बाद उसके परिवार ने बच्चे के अंगों को दान करने का फैसला लिया। परिवार के इस फैसले के बाद छह बच्चों को नया जीवन मिल गया है।
अगंदान के लिए तैयार हुआ परिवार
बता दें कि, सूरत के अमरेली जिले के मालिया निवासी हर्षभाई और चेतनाबेन संघाणी के यहां 13 अक्टूबर को एक बालक का जन्म हुआ। जन्म के बाद बालक में हलचल नहीं थी, वह रोया भी नहीं। इसके बाद बच्चे को आईसीयू में रखा गया, लेकिन चार दिन तक तबीय में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों की टीम में जांच के बाद बुधवार को बच्चे को ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसके बाद चिकित्सकों ने परिवार को अंगदान के बारे में बताया तो परिवार तैयार हो गया।
छह बच्चों को मिली नई जिंदगी
बच्च के परिवार की सहमित मिलने के बाद शिशु के सभी अंग छोटे बालकों में ट्रांसप्लांट किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। दोनों किडनी और तिल्ली आईकेडीआरसी अहमदाबाद, लीवर दिल्ली आईएलडीएस हॉस्पिटल और आंख लोकदृष्टि चक्षुबैंक, सूरत को दिया गया है। नवजात के अंगो का प्रत्यारोपण छोटे बच्चो में ही किया गया। कुल मिलाकर नवजात के अंगदान से 6 बच्चों को नई जिंदगी मिली है। जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन के विपुल तलाविया ने बताया कि संघाणी परिवार और डॉक्टरों की मदद से बहुत बड़ा काम हुआ है।