भूखे-प्यासे बेहिसाब लोग, विजय की छह घंटे देरी से एंट्री, 3 गुना भीड़… करूर में 39 मौतों की वजह क्या?

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तमिलनाडु के करूर में एक्टर और नेता विजय की पार्टी टीवीके की रैली में भगदड़ से 39 लोगों की जान चली गई. जिनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे भी शामिल हैं. वहीं घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. इस बीच भगदड़ को लेकर बड़ी बातें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि इस रैली में लोगों की भीड़ अनुमान से ज्यादा उमड़ पड़ी. वहीं खुद विजय भी अपने तय समय से देरी से रैली में पहुंचे. भीषण गर्मी में काफी देर से खड़े रहने के कारण कुछ लोगों की हालत बिगड़ने लगी और वे बेहोश होकर गिर पड़े, जिसके बाद अचानक अफरातफरी का माहौल बना और भगदड़ मच गई.

करूर भगदड़ की घटना पर तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण ने कहा कि सभा की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी. जब विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतज़ार कर रही थी. यही सच्चाई है.

वेंकटरमण ने कहा कि हमने पुलिस द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की. इससे पहले TVK की रैलियों में कम भीड़ होती थी, लेकिन इस बार उम्मीद से कहीं ज़्यादा लोग जुटे. हालांकि आयोजकों ने करूर में एक बड़े मैदान की मांग की थी, और लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग इकट्ठा हुए. जिस प्रचार स्थल पर विजय को जनता को संबोधित करना था, वहां 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे.

उन्होंने कहा कि विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की, लेकिन जोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को 27,000 की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में तैनात करना चाहिए. इस दुखद घटना के पीछे के कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा. एक सदस्यीय आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है.

Tamil Nadu Dgp

500 पुलिसकर्मी थे तैनात

डीजीपी ने हादसे के बारे में बताया कि मृतकों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे (पांच लड़के और पांच लड़कियां) शामिल हैं. उन्होंने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि भीड़ उम्मीद से कहीं ज्यादा पहुंची. हालांकि जहां अभिनेता-नेता विजय को लोगों को संबोधित करना था, वहां 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे.

भूखे-प्यासे कर रहे थे इंतजार

एक प्रत्यक्षदर्शी नंदा कुमार ने कहा कि हम खुद वहां मौजूद थे. विजय के 11 बजे आने की सूचना थी, लेकिन वो काफी देर से पहुंचे. लोग बच्चों के साथ आए थे, भूखे-प्यासे थे, और विजय की सिर्फ एक झलक पाने के लिए घंटों खड़े रहे. ऐसे में हालात बेकाबू हो गए. हालांकि आयोजकों को भीड़ का अंदाजा था या नहीं, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन ऐसी घटनाएं दोहराई नहीं जानी चाहिए.

मुआवजे का ऐलान, जांच आयोग गठित

वहीं, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड न्यायाधीश अरुणा जगदीशन करेंगी. साथ उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपए और घायलों को 1-1 लाख रुपए देने का ऐलान किया.

टीवी के पदाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

तमिलनाडु पुलिस ने टीवीके के करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी मथियाझागन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. कार्यक्रम के दौरान मानदंडों के उल्लंघन के लिए चार धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

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