Author: Om Giri

  • संगठन सृजन के बाद अब टैलेंट हंट से प्रवक्ताओं की खोज में कांग्रेस

    संगठन सृजन के बाद अब टैलेंट हंट से प्रवक्ताओं की खोज में कांग्रेस

    सरगुजा: संगठन सृजन अभियान में जिस तरह से कांग्रेस बारीकी से जिलाध्यक्ष का चयन कर रही है उसी तरह अब प्रवक्ताओं की खोज भी सीधे टैलेंट को आधार बनाकर की जा रही है. सीधा खुला मंच कांग्रेस ने दिया है, जिसमें हर कोई भागीदार बन सकता है और अगर उसमें प्रतिभा है तो वो अपने टैलेंट के दम पर टैलेंट हंट कार्यक्रम के जरिए जिला, प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर का प्रवक्ता बनाया जा सकता है.

    कांग्रेस के टैलेंट हंट को जानिए: कांग्रेस के टैलेंट हंट कार्यक्रम के सरगुजा जिले के प्रभारियों की टीम से आशीष वर्मा ने पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी. उन्होंने बताया “कांग्रेस नए चेहरों को सामने लाने, युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने और तथ्यात्मक तरीके से जनता के बीच पहुंचने के लिए ये प्लान बनाया है. जिसका नाम टैलेंट हंट दिया गया है.”

    प्रवक्ता के लिए ऑनलाइन फॉर्म, ये आखिरी तारीख: 7 नवंबर को उसके पोस्टर जारी किए गए थे. प्रवक्ता के लिए इच्छुक लोग 20 नवंबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. ये फॉर्म गूगल डॉक्यूमेंट्स में मिल जाएंगे. फॉर्म भरने के दौरान कांग्रेस के रीति नीति के बारे में कुछ सवाल पूछे गए हैं. उसमें पर्सनल जानकारियों के अतिरिक्त और उसके आधार पर प्राइमाफेसी प्रवक्ताओं का चयन होगा.

    जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक चयन: इसके बाद जिले स्तर पर कार्यक्रम किए जाएंगे. उसमें एआईसीसी से नियुक्त ऑब्जर्वर्स और पीसीसी के कुछ सदस्य उनके साथ बातचीत करेंगे. एक इंटरव्यू की तरह होगा और ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से नई चीजें उनके बीच लाई जाएगी. उनके क्षमताओं को परखा जाएगा. इस आधार पर जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक प्रवक्ताओं का चयन किया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग फेस में कार्यक्रम होंगे. 20 नवंबर को फॉर्म भरने की अंतिम तिथि के बाद पांच दिन फॉर्म की स्क्रूटनी होगी. 27 नवंबर के बाद एक डेट दी जाएगी, जिस दिन अंबिकापुर में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

    जिला मुख्यालयों में यह कार्यक्रम होना है, संभागीय स्तर पर कार्यक्रम होंगे. चुनिंदा प्रतिभागियों को पीसीसी कार्यालय बुलाया जाएगा. वहां प्रदेश स्तर के प्रवक्ताओं के लिए चयन होगा. उसमें से जो चुनिंदा लोग होंगे वो दिल्ली आईसीसी में राष्ट्रीय प्रवक्ता के लिए पात्रता के ग्रुप डिस्कशन में शामिल होंगे.

    कांग्रेस के टैलेंट हंट कार्यक्रम अधिकारी ने आगे बताया कि एक पोस्टर जारी किया गया है जिसमें बारकोड के माध्यम से उस वेबसाइट का लिंक सबमिट है, जिसमें जाकर इच्छुक व्यक्ति फॉर्म भर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा से ज्यादा लोग आएंगे उतना अच्छा टैलेंट फिल्टर किया जा सकेगा.

    कांग्रेस विचारधारा से जुड़ा कोई भी व्यक्ति कर सकता है अप्लाई: कांग्रेस विचारधारा से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, जिसकी कांग्रेस की रीति नीति सिद्धांतों में आस्था है वो इसमें शामिल हो सकता है. यदि कांग्रेस की रीति नीति सिद्धांतों में उसकी आस्था होगी तो उसको सदस्यता दिलाने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी. आगे उन्हें क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पटल पर पेश कर पाएंगे.

    टैलेंट हंट से प्रवक्ताओं को चुनने का उद्देश्य: कांग्रेस नेता ने बताया “पब्लिक से डायरेक्ट कनेक्ट करने के लिए, कांग्रेस की बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए आज जिस तरह से सोशल मीडिया प्रभावी हुआ है, मीडिया का दायरा बढ़ा है, ऐसे में ठोस तर्क और तथ्यों के साथ बात रखने वाले युवाओं की जरूरत है.

    कोई भी पार्टी जब अपनी विचारधाराओं को, अपनी कही हुई बातों को बेहतर तरीके से जनता तक पहुंचा पाएगी, उनसे कनेक्ट कर पाएगी, तो उनका झुकाव पार्टी की तरफ होगा. वो पार्टी की रीति नीति को समझेंगे. ऐसे परिस्थिति के चलते नए लोगों को जोड़ने की जरूरत है. हम नए टैलेंट खोज रहे हैं, युवाओं को इस ओर ला रहे हैं जो लंबे समय तक सर्व कर सकें. अच्छी सोच से पढ़े लिखे युवा इस क्षेत्र में आएंगे तो निश्चित तौर पर दमदारी के साथ, विश्वसनीयता के साथ अपनी बातों को रखेंगे और कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे.”

  • शंकराचार्य यूनिवर्सिटी के एनुअल फंक्शन में बवाल, दो गुटों में भिड़ंत, थाने के सामने भी जमकर मारपीट

    शंकराचार्य यूनिवर्सिटी के एनुअल फंक्शन में बवाल, दो गुटों में भिड़ंत, थाने के सामने भी जमकर मारपीट

    भिलाई: जुनवानी स्थित शंकराचार्य यूनिवर्सिटी में बुधवार को एनुअल फंक्शन का कार्यक्रम था. लेकिन वार्षिक उत्सव के दौरान छात्रों के दो गुटों के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट तक पहुंच गया. यूनिवर्सिटी प्रबंधन और सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह छात्रों को वहां से हटाया, लेकिन विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ.

    छात्र गुटों में मारपीट: यूनिवर्सिटी में हंगामे के बाद दोनों गुटों के छात्र स्मृति नगर थाने के सामने फिर से भिड़ गए. वहां भी जमकर मारपीट करने लगे. इस दौरान कई छात्रों को चोटें आईं. मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. जिसमें छात्र एक-दूसरे पर हमला करते नजर आ रहे हैं.

    छात्रों को आई चोटें, कई के खिलाफ केस दर्ज: भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने घटना की जानकारी दी. शंकराचार्य यूनिवर्सिटी में एनवल फंग्शन के दौरान दो गुटों में मारपीट हुई. मारपीट के बाद दोनों गुट के कुछ छात्रा स्मृति नगर चौकी के सामने भी बहस करने लगे. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छात्रों को समझाया और वहां से हटाया. इस घटना में छात्र ईशान चंद्रवंशी को चोटें आई है. छात्र की रिपोर्ट पर आदित्य गिरी और अन्य छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

    छात्रों से पूछताछ जारी: सीएसपी ने कहा कि दो छात्रों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. जो भी छात्र इस झगड़े में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.

  • भिलाई में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य, बीएलओ घर घर दे रहे दस्तक

    भिलाई में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य, बीएलओ घर घर दे रहे दस्तक

    भिलाई: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम पूरे देश में चल रहा है. भिलाई नगर निगम क्षेत्र में भी बीएलओ (ब्लॉक लेवल इलेक्शन ऑफिसर) डोर-टू-डोर जाकर अपने बूथ क्षेत्र के वोटर्स को मतदाता गणना पत्रक बांट रहे हैं. ये वो फॉर्म है जिसमें मतदाताओं को अपनी जानकारी खुद भरनी होगी.

    भिलाई में एसआईआर प्रक्रिया: अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार पांडे ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण की कार्रवाई 4 दिसंबर तक चलेगी. बीएलओ सभी मतदाताओं के घर घर जाकर गणना पत्रक दे रहे हैं. सभी से अपील है कि बीएलओ को सहयोग देंगे. दिए गए पत्र को कोई भी आसानी से भर सकता है. किसी को कोई परेशानी हो तो बीएलओ उनकी मदद करेंगे.

    4 दिसंबर फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख: राजीव पांडे ने बताया कि जोन कार्यालय और मुख्य निगम कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाया गया है. वहीं से मदद ली जा सकती है. इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. 4 दिसंबर तक फॉर्म भरकर वापस बीएलओ को देना होगा. फॉर्म नहीं देने पर मतदाताओं का नाम, मतदाता सूची से कट जाएगा, जिससे काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है.

    साल 2003 के मतदाता विवरण की पूछी जा रही जानकारी: मतदाताओं से वर्तमान विवरण और साल 2003 में उनका नाम कहां दर्ज था, ये पूछा जा रहा है. यदि 2003 में नाम कहीं दर्ज नहीं है तो उनके पिता का नाम पूछा जाता है. ये फॉर्म भरना बहुत आसान है. अधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची का यह विशेष गहन पुनरीक्षण लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

    करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं को गणना प्रपत्र बांटे गए: छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत अब तक करीब 01 करोड़ 51 लाख 69 हजार 885 मतदाताओं को गणना प्रपत्र बांटे जा चुके हैं. यह मतदाताओं की कुल संख्या के 72 प्रतिशत से ज्यादा है. छत्तीसगढ़ में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या दो करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 है.

  • नाबालिग को बंधक बनाकर तीन महीने तक दुष्कर्म, विशेष न्यायाधीश ने सुनाई 20 साल की सजा

    नाबालिग को बंधक बनाकर तीन महीने तक दुष्कर्म, विशेष न्यायाधीश ने सुनाई 20 साल की सजा

    बलौदाबाजार:  मामला नवंबर 2024 का है. पलारी थाना क्षेत्र का मामला है. पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी को गांव के युवक ने बहला फुसलाकर शादी का झांसा दिया और अपने गांव छेरकापुर ले गया. आरोपी ने उसे लगातार तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा और बार-बार उसके साथ दुष्कर्म किया. परिवार ने जब बेटी को ढूंढना शुरू किया, तो पता चला कि वह आरोपी के घर में ही है.

    आरोपी के चंगुल से पीड़िता को छुड़ाया: पिता ने हिम्मत दिखाते हुए बालक कल्याण समिति बलौदाबाजार में लिखित शिकायत की. शिकायत के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई और थाना पलारी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी के घर से पीड़िता का रेस्क्यू किया.

    मामले को समाजिक स्तर पर सुलझाने की भी कोशिश की गई. आरोपी के पिता ने गांव के लोगों के सामने शादी का आश्वासन दिया. लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपना वादा तोड़ दिया और शादी से इंकार कर दिया. जब न्याय की उम्मीद समाज से खत्म हो गई, तब पीड़िता के पिता ने 14 जनवरी 2025 को थाना पलारी में औपचारिक रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद पलारी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 15 जनवरी को आरोपी को गिरफ्तार किया.

    पीड़िता का बयान बना सबूत: रेस्क्यू के बाद पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपी ने उसे 09 नवंबर 2024 से 07 जनवरी 2025 तक अपने घर में रखा. इस दौरान उसने शादी झांसा देकर बार बार शारीरिक संबंध बनाए.

    पुलिस की कार्रवाई और मामला अदालत पहुंचा: थाना पलारी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया. आरोपी के खिलाफ धारा 137(2), 87, 64(2)(M) BNS और धारा 4(2), 5(ठ)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO Act) के तहत केस दर्ज किया गया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और न्यायिक रिमांड पर भेज दिया. विवेचना पूरी होने के बाद अभियोग पत्र (चार्जशीट) विशेष न्यायालय पॉक्सो बलौदाबाजार में प्रस्तुत किया गया.

    अभियोजन पक्ष ने पेश किए पुख्ता साक्ष्य: अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक निशा शर्मा ने मामले की पैरवी की. उन्होंने अदालत में 10 साक्ष्यों के बयान कराए. पीड़िता, उसके पिता, पुलिस अधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य और डॉक्टर के बयान ने यह साबित कर दिया कि आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया गया. आरोपी ने नाबालिग को मानसिक और शारीरिक रूप से शोषित किया.

    अदालत ने सुनाया सख्त फैसला: अंतिम सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बलौदाबाजार, गिर्जेश प्रताप सिंह ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास का आदेश भी दिया. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि विशेष न्यायाधीश ने टिप्पणी की,”ऐसे अपराधों में समाज के प्रति सख्त संदेश देना जरूरी है. जो लोग नाबालिग बच्चियों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा अपराध करने की हिम्मत न करे.”

    विशेष लोक अभियोजक निशा शर्मा का बयान: विशेष लोक अभियोजक निशा शर्मा ने बताया कि यह मामला बेहद संवेदनशील था. शुरुआत से ही अभियोजन का मकसद था कि पीड़िता को न्याय मिले और आरोपी को उसकी करतूत की सजा अदालत ने हमारे सभी साक्ष्यों को सही माना और 20 साल की सजा दी है. यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा के लिए एक मजबूत संदेश है.

  • एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्र की मौत, कलेक्टर ने जांच दल का किया गठन

    एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्र की मौत, कलेक्टर ने जांच दल का किया गठन

    धमतरी : एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पढ़ रहे एक छात्र ने अपनी जान दे दी.इस मामले में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं. नगरी एसडीएम की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय जांच दल बनाया गया हैं. जिसे तीन दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. पूरा मामला एकलव्य आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह का है. यहां 12वीं के छात्र हिमांशु नेताम की छात्रावास में मौत हुई थी. हिमांशु की मौत ने प्रबंधन की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं.

    कलेक्टर ने जांच कमेटी का किया गठन : कलेक्टर ने छात्र की मौत मामले में जांच का आदेश जारी किया. जिसमें लिखा है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह, विकासखंड नगरी, जिला धमतरी में 11 नवंबर को कक्षा 12वीं वाणिज्य छात्र हिमांशु नेताम ने लगभग साढ़े सात बजे आत्मघाती कदम उठाया. घटना का पता चलते ही मौके पर विद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों ने हिमांशु को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुकरेल पहुंचाया. संस्था के प्राचार्य ने विद्यार्थी के माता-पिता और उच्च अधिकारियों को सूचना दी. इसके बाद विद्यार्थी को जिला अस्पताल धमतरी लाए जाने पर उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इस घटना के जांच एवं परीक्षण के लिए जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है.

    Student dies in Eklavya Adarsh ​​Residential School

    जांच दल में कौन-कौन हैं शामिल : जांच दल में अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नगरी हैं.जबकि सदस्यों में निम्न होंगे.

    अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नगरी

    खण्ड चिकित्सा अधिकारी, विकासखंड नगरी

    परियोजना अधिकारी, म.बा.वि.परि., नगरी

    विकासखंड शिक्षाधिकारी, नगरी

    तहसीलदार, तहसील कुकरेल, विकासखंड नगरी

    इन सदस्यों को जांच के लिए जांच टीम में शामिल किया गया है. जांच दल को प्रकरण का परीक्षण कर तीन दिवस के भीतर रिपोर्ट देना होगा. बहरहाल छात्र ने किस वजह से आत्मघाती कदम उठाया है,ये अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है.

  • धान खरीदी को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, कलेक्टर बोले तैयारी पूरी नहीं होगी कोई परेशानी

    धान खरीदी को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, कलेक्टर बोले तैयारी पूरी नहीं होगी कोई परेशानी

    बेमेतरा: छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी शुरु करने का दिन भले ही 15 नवंबर तय कर दिया हो,लेकिन इस धान खरीदी होगी या नहीं ये सवालों के घेरे में है.धान खरीदी करने वाली सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.अब तक सरकार ने कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं निकाला है.ऐसे में अब कांग्रेस ने सरकार को घेरा है.

    पूर्व विधायक ने सरकार को बताया किसान विरोधी : पूर्व विधायक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष छाबड़ा ने कहा कि सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है हालत यह है कि एक ओर 15 नवंबर से धान की खरीदी प्रारंभ होने वाली है वहीं दूसरी ओर सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

    कलेक्टर ने हड़ताल समाप्त करने किया आग्रह : बेमेतरा के पूर्व विधायक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष छाबड़ा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज कसा है. आशीष छाबड़ा ने प्रदेश की बीजेपी सरकार की गतिविधियों को किसान विरोधी बताया है. वहीं कलेक्टर रणबीर शर्मा ने धान खरीदी की तैयारी पूरी होने की बात कही है. साथ ही साथ हड़ताली समिति प्रबंधकों को धान खरीदी कार्य के लिए हड़ताल समाप्त करने का निवेदन किया है. बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने दावा किया है कि जिले के सभी 145 धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई है. साफ सफाई का कार्य हो चुका है और बारदाना पहुंच चुका है.

    प्रबंधक अभी हैं और जो कर्मचारी हड़ताल पर हैं उनसे यह निवेदन है कि हड़ताल समाप्त कर कार्य पर लौट आए. धान खरीदी के कार्य में सहभागिता दें. आशा है कि धान खरीदी से पहले कर्मचारी हड़ताल से लौट आएंगे – रणबीर शर्मा,कलेक्टर

    आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर है.जिसके कारण धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.

    1. प्रबंधकीय अनुदान:मध्य प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ की 2058 सहकारी समितियों को हर साल तीन-तीन लाख का प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए.
    2. वेतन और नियमितीकरण :उचित मूल्य दुकानदारों और संविदा ऑपरेटरों को छह महीने के बजाए 12 महीने का वेतन दिया जाए.संविदा ऑपरेटरों को नियमित किया जाए.सहायक कर्मचारियों के लिए विभागीय भर्ती में सहायक कर्मचारियों को 50% कोटा, उम्र एवं योग्यता में छूट दी जाए.
    3. अन्य मांगें:धान खरीदी में निश्चित समय पर धान का उठाव न होने पर सूखत (शॉर्टेज) की राशि मान्यता दी जाए. 2023-24 और 2024-25 धान खरीदी से संबंधित सूखत की राशि समितियों को दी जाए.
    4. समिति प्रबंधकों और कर्मचारियों के लिए सेवा नियम 2018 में संशोधन करके उन्हें उचित वेतनमान, पेंशन, भविष्य निधि का लाभ मिले.
      2018 संशोधन में भविष्य निधि, गंहगाई भत्ता, ई.एस.आई.सी सुविधा, संस्था के दैनिक,संविदा कर्मचारियों को समिति के सीधी भर्ती में प्राथमिकता.
  • D.Ed की फर्जी मार्कशीट से बने शिक्षक, STF ने 34 पर दर्ज की FIR, सालों से कर रहे थे नौकरी

    D.Ed की फर्जी मार्कशीट से बने शिक्षक, STF ने 34 पर दर्ज की FIR, सालों से कर रहे थे नौकरी

    ग्वालियर: डीएड (D.Ed) की फर्जी अंकसूची (Marksheet) के जरिए सरकारी शिक्षक बने 34 लोगों पर एसटीएफ(STF) ने एफआइआर(FIR) दर्ज की है। फर्जीवाड़ा करने वाले यह सभी शिक्षक ग्वालियर और चंबल अंचल के रहने वाले हैं। यह नौकरी ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर व अन्य जिलों में कर रहे हैं।

    34 में से आठ शिक्षक नामजद

    34 में से आठ शिक्षक नामजद हैं, जबकि 26 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच चल रही है। इनकी अंकसूचियां संदिग्ध हैं, क्योंकि इनका रिकार्ड शिक्षा विभाग के पास नहीं है। एसटीएफ मुख्यालय के निर्देश पर एसपी राजेश सिंह भदौरिया द्वारा डीएसपी एसटीएफ प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी।

    34 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की गई।

    34 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की गई। इनकी अंकसूची फर्जी पाई गई। इस आधार पर आठ नामजद सहित 34 शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज की गई है। एसटीएफ द्वारा धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है।

    यह शिक्षक नामजद हैं

    गंधर्व सिंह पुत्र संतोष सिंह रावत

    साहब पुत्र खेमराज कुशवाह

    बृजेश पुत्र भान सिंह रोरिया

    महेंद्र पुत्र लक्ष्मण सिंह रावत

    लोकेंद्र पुत्र जगन्नाथ सिंह

    रूबी पुत्री शिवकुमार कुशवाह

    रविंद्र पुत्र उदयभान सिंह

    अर्जुन सिंह पुत्र बुलाखी सिंह चौहान

    अंकसूची फर्जी बनाने से लेकर सत्यापन तक में फर्जीवाड़ा

    मामले की जांच कर रही टीम ने पाया कि सिर्फ अंकसूची ही फर्जी नहीं हैं, बल्कि नियुक्ति होने से पूर्व किए जाने वाले सत्यापन तक में फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें वह लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने सत्यापन किया। अगर सही ढंग से सत्यापन होता तो यह फर्जीवाड़ा उस समय ही पकड़ा जाता, जब नियुक्ति हुई थी। सत्यापन में भी साठगांठ हुई।

    फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से भी नौकरी पाने वाले

    फर्जी डीएड अंकसूची से पहले फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से शिक्षक बनने वाले लोग भी ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों के ही थे। इस मामले में भी एसटीएफ द्वारा एफआइआर दर्ज की गई थी। उस समय भी करीब 26 शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज की गई थी।

    जांच में अंकसूची के नाम, पते सब अलग निकले

    जिन सीरियल व रोल नंबर की अंकसूची का उपयोग इन लोगों द्वारा किया गया था। माध्यमिक शिक्षा मंडल से इन नंबरों के आधार पर सत्यापन कराया गया। इसमें पाया गया कि नाम, पते सब अलग हैं। यह अंकसूची अन्य लोगों को जारी हुईं।

  • भोपाल मेट्रो की अंतिम परीक्षा अगले सप्ताह! अगर सब ठीक रहा तो नवंबर के आखिरी तक भोपाल की सड़कों पर दौड़ने लगेगी मेट्रो

    भोपाल मेट्रो की अंतिम परीक्षा अगले सप्ताह! अगर सब ठीक रहा तो नवंबर के आखिरी तक भोपाल की सड़कों पर दौड़ने लगेगी मेट्रो

     भोपाल। भोपाल की बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो नवंबर के आखिरी सप्ताह तक भोपाल मेट्रो पटरियों पर दौड़ती नजर आ सकती है। दरअसल, दिल्ली से आने वाली कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम अगले सप्ताह भोपाल मेट्रो का तीसरा और अंतिम निरीक्षण करने आने वाली है।

    यह परीक्षा मेट्रो प्रबंधन के लिए निर्णायक साबित होगी, क्योंकि इस रिपोर्ट के आधार पर ही ‘ओके टू रन’ की मंजूरी दी जाएगी। अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भोपाल मेट्रो इस बार सुरक्षा मानकों पर खरी उतरकर राजधानीवासियों को नवंबर के अंत तक मेट्रो की सवारी का तोहफा दे पाएगी या फिर इंतजार और लंबा खिंचेगा।

    एमपी मेट्रो प्रबंधन एक महीने से सुधार कार्य में जुटा

    गौरतलब है कि अक्टूबर में मेट्रो संचालन शुरू किया जाना था, लेकिन सीएमआरएस टीम के पिछले निरीक्षण के दौरान मेट्रो प्रबंधन परीक्षा में पास नहीं हो सका। उस समय सुरक्षा संबंधी कई खामियां सामने आई थीं। सूत्रों के अनुसार टीम ने यात्री सुरक्षा, स्टेशन एरिया, एंट्री और एग्जिट से जुड़ी कमियों की ओर ध्यान दिलाया था। इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए एमपी मेट्रो प्रबंधन एक महीने से सुधार कार्यों में जुटा हुआ है।

    अब टीम द्वारा देखा जाएगा कि सुरक्षा मानकों पर मेट्रो प्रबंधन ने कितना सुधार किया है और क्या ट्रेन के संचालन के लिए सभी जरूरी मानक पूरे हो गए हैं या नहीं। बता दें कि एमपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक एस. कृष्ण चैतन्य पूरी सक्रियता के साथ प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी मेट्रो स्टेशनों के कार्यों की समीक्षा और निरीक्षण कर रहे हैं।मंगलवार और बुधवार उन्होंने मैदान में उतरकर चल रहे कार्यों की प्रगति का जायजा लिया और सीएमआरएस से जुड़े बिंदुओं पर विशेष रूप से रिव्यू किया।

    मैदानी कार्य पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया

    प्रायोरिटी कॉरिडोर पर नहीं शुरू हुआ मैदानी कार्य सूत्रों की मानें तो प्रायोरिटी कॉरिडोर पर अभी भी मैदानी कार्य पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है। सामान्यत: यह काम तब शुरू किए जाते हैं, जब परियोजना के सभी तकनीकी और सुरक्षा से जुड़े कार्य पूरे हो जाएं। ऐसे में इस बार भी मेट्रो के संचालन की मंजूरी मिल पाएगी या नहीं, यह फिलहाल संशय में है।

    अक्टूबर में संचालन शुरू नहीं होने पर हुई थी किरकिरी

    अक्टूबर में समय पर मेट्रो शुरू न होने से एमपी मेट्रो प्रबंधन की काफी किरकिरी हो चुकी है। यही कारण है कि एमडी एस. कृष्ण चैतन्य अब भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से बच रहे हैं और पूरी तैयारी के साथ सीएमआरएस परीक्षा पास करने पर फोकस कर रहे हैं। इस मामले में भी उन्होंने चुप्पी साध रखी है।

  • इंदौर की सड़कों पर नहीं चलेंगी 15 साल पुरानी बसें! प्रदूषण पर बड़ा एक्शन, परमिट और फिटनेस जारी न करने का आदेश

    इंदौर की सड़कों पर नहीं चलेंगी 15 साल पुरानी बसें! प्रदूषण पर बड़ा एक्शन, परमिट और फिटनेस जारी न करने का आदेश

    इंदौर। मुंबई से इंदौर आ रही बस में युवती से हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद जिला प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सख्त हो गया है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने बुधवार को बस आपरेटरों की बैठक लेकर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसें किसी भी स्थिति में सड़कों पर नहीं चलेगी।

    आरटीओ 15 साल से पहले ही बस संचालकों को नोटिस जारी कर सूचित करेंगे और ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन और परमिट जारी नहीं होगा। बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन, जीपीएस, लाइटिंग के साथ ही स्टाफ के लिए यूनिफार्म जरूरी होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर ऑपरेटरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

    बसों में यात्रियों के लिए पूरी सुविधाएं और सुरक्षा रखी जाए

    कलेक्ट्रेट कार्यालय में हुई बस ऑपरेटरों की बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने निर्देश दिए कि बस संचालन के दौरान किसी यात्री को असुविधा या असुरक्षा महसूस नहीं होना चाहिए। बसों में यात्रियों के लिए पूरी सुविधाएं और सुरक्षा रखी जाए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि ड्राइवर, कंडक्टर या अन्य स्टाफ नशे का सेवन नहीं करेंगे, यूनिफार्म में रहेंगे और यात्रियों से शालीन व्यवहार करेंगे।

    सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई होगी

    सुरक्षा मानकों की अनदेखी, वाहन फिटनेस में लापरवाही या यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की स्थिति में बस ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इंदौर में असुरक्षित और अनुशासनहीन बस संचालन अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में अपर कलेक्टर रोशन राय, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तथा प्रमुख बस ऑपरेटर मौजूद रहे।

    महिलाओं व दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगी सीट

    बसों में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित रखने के निर्देश भी दिए गए। सीट नंबर 11 से 16 तक महिलाओं के लिए और दरवाजे के पास की दो सीटें दिव्यांगों के लिए आरक्षित होंगी। चालक के पीछे वाली पहली सीट नवजात शिशु की माता के लिए होगी, जिसे तीन ओर से पर्दों से आच्छादित रखा जाएगा। सभी बसों में दोनों ओर अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। विंडस्क्रीन पर वाहन की बीमा, फिटनेस, परमिट आदि की जानकारी लाल रंग से अंकित की जाए।

    बस स्टाप का होगा सर्वे

    बैठक में बस आपरेटरों ने स्टेज कैरेज वाली बसों के लिए भी सीटी बस की तरह बस स्टाप बनाने की मांग की। बस ऑपरेटरों ने कहा कि एमवाय, पिपलियाहाना, मूसाखेड़ी, तीन इमली, तेजाजी नगर आदि क्षेत्रों में स्टाप बनाए, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके। बसें इन्हीं स्थान पर रुकेंगी और सड़क पर यातायात दबाव भी नहीं होगा। कलेक्टर ने इससे सहमत होते हुए सर्वे कराकर स्थान चिन्हित करने की बात कही।

  • अशोकनगर में 2 भाइयों में जमीनी विवाद, बीच-बचाव करने पहुंचे पिता और भांजे की मौत

    अशोकनगर में 2 भाइयों में जमीनी विवाद, बीच-बचाव करने पहुंचे पिता और भांजे की मौत

    अशोकनगर: बुधवार देर शाम कचनार थाना क्षेत्र के करैया बनेट गांव में जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हो गया. यह खूनी संघर्ष सगे दो भाइयों के बीच में हुआ. जिसमें बीच बचाव करने पहुंचे पिता और भांजे की मौत हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को जिला अस्पताल भेजा है. बताया जा रहा है लंबे समय से जमीन को लेकर दोनों भाईयों में विवाद चल रहा था.

    4 बीघा जमीन के लेकर सगे भाइयों में हुआ विवाद
    करैया बनेट गांव में 4 बीघा जमीन को लेकर दो सगे भाई राजमहेंदर और कृष्णभान यादव के बीच विवाद हो गया. विवाद में बीच बचाव करने के लिए इनके पिता खिलन सिंह यादव और भांजा पवन यादव पहुंचे. लेकिन विवाद कितना बढ़ गया, कि उसमें लाठी-फरसे चलना शुरू हो गए. इसी दौरान लाठी फरसों के हमले से दोनों भाइयों के पिता और भांजे गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

    ये है विवाद की जड़
    पिता खिलन सिंह और दोनों बेटे में जमीन के हिस्से हो गए थे. लेकिन राजमहेंद्र ने अपने पिता की चार बीघा जमीन में बाबनी कर दी थी. जिससे नाराज होकर छोटा भाई कृष्णभान ट्रैक्टर लेकर बुवाई वाले खेत में पंजा चलाने पहुंच गया, जब राजमहेंदर ने उसे रोकने का प्रयास किया. तो डंडे और फरसों से आपस में विवाद हो गया. इसी बीच भाइयों के पिता और भांजे पर हमला हो गया और उनकी मौत हो गई.

    2 की मौत, 4 घायल
    इस पूरे हमले में पिता खिलन सिंह और भांजे पवन की मौत हो गई. तो वहीं राजमहेंद्र और कृष्णभान सहित राधिका और राजबीर भी जिला अस्पताल में भर्ती है. कृष्णभान की हालत को गंभीर मानते हुए डॉक्टरों ने उसे भोपाल रेफर कर दिया है. पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

    बच्ची ने बताया आंखों देखा हाल
    इस पूरे मामले की प्रत्यक्षदर्शी राधिका ने बताया कि, ”खेत पर विवाद हो गया. जिसमें तेज लड़ाई होने लगी और इसमें पापा और चाचा घायल हो गए. वहीं दादा और भाई की मौत हो गई. जिला अस्पताल में हम लोग आए हैं जहां हमारा इलाज चल रहा है.”

    मामले की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी गजेंद्र कंवर ने बताया कि, ”गांव में आपसी विवाद हुआ है. जिसमें दोनों सगे भाई हैं, विवाद में उनके पिता और भांजे की मौत हो गई है. पुलिस में मामला दर्ज कर लिया है. विवाद में प्रयोग किए गए सभी हथियारों को जप्त करने की कार्यवाही की जा रही है. बाकी गुरुवार को भी पुलिस पहुंचकर पूरे मामले की जांच करेगी.”