बिहार विधानसभा चुनाव: क्या 75 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये देना होगा टर्निंग प्वाइंट? कितने चुनावों में राजनीतिक दलों ने महिलाओं को दिया सीधा लाभ

चुनावी गणित में महिला मतदाता अब निर्णायक भूमिका निभा रही हैं. यही वजह है कि देशभर में लगभग हर राज्य सरकार महिलाओं को साधने के लिए अलग-अलग योजनाओं की झड़ी लग रही है. लेडीज फर्स्ट की इस रणनीति के तहत केंद्र और राज्यों की योजनाएं सीधे घर की महिलाओं तक पहुंचाई जा रही हैं.

इसी चुनावी गणित को साधने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार की महिलाओं को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पीएम ने 75 लाख ग्रामीण महिलाओं को पहली किस्त के तौर पर 10,000- 10,000 रुपये की राशि ट्रांसफर की. योजना के तहत आगे चलकर प्रत्येक महिला को कुल 2 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी. इसे चुनाव से पहले महिलाओं को सीधे जोड़ने की बड़ी पहल माना जा रहा है.

राज्यों में राजनीतिक दलों ने समय- समय पर खोला वायदों का पिटारा

इतिहास गवाह है कि चुनाव में महिलाओं को लुभाने के लिए अलग- अलग राज्यों में राजनीतिक दलों ने लुभावने वायदों का पिटारा समय- समय पर खोला है. इस लुभावने वायदे से राजनीतिक दलों को सीधा फायदा भी हुआ है. बिहार में नीतीश कुमार ने और केंद्र में मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं के जरिए ही चुनावों को जीता भी है. इसके बाद ही अन्य राजनीतिक दलों ने इस तरीके को आजमाया है और उन्हें फायदा भी मिला है. बिहार में पीएम मोदी की घोषणा के साथ यह साफ है कि 2025 का चुनावी रण महिलाओं के इर्द-गिर्द ही सिमटने वाला है.

आंध्र प्रदेश में सरकार ने महिला स्वंय समूह के दिया स्मार्टफोन

आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान महिला स्वंय सहायता समूह की हर सदस्य को स्मार्टफोन दिया गया था. सरकारी स्कूलों में किशोरियों को मुफ़्त सेनेटरी नैपकिन की देना शुरू किया गया. जगनन्ना अम्मावाड़ी योजना के तहत हर मां को 15 हजार रुपये दिए गए. ये उन महिलाओं को दिए गए थे जो अपने बच्चों को स्कूल भेजती है. ओबीसी समुदाय की दुल्हन को 50 हजार रुपये एससी/एसटी व अल्पसंख्यक दुल्हन को 1 लाख रुपये शादी उपहार के रूप में दिए गए.

महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी सरकार चला रही योजना

इसी तरह महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार लाड़की बहिन योजना बीजेपी सरकार चला रही है. इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की. पिछले विधानसभा चुनाव में इसका प्रत्यक्ष फायदा बीजेपी- सेना गठबंधन को भी मिला. फडनवीस सरकार में भी यह योजना चल रही है. वहीं हरियाणा में भी बीजेपी सरकार दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना चला रही है. इस योजना के तहत भाजपा हर महिला को 21ॄ रुपये प्रति माह देने का वादा किया.

पश्चिम बंगाल में महिलाओं के लिए रुपाश्री और कन्याश्री योजना

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार भी महिलाओं को लुभावने के लिए रुपाश्री योजना चला रही है. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बेटी की शादी पर 2 लाख 50 हजार रुपये की मदद की जा रही है. इसके अलावा कन्याश्री योजना भी चलाई जा रही है. इस योजना में 13-18 वर्ष की स्कूली लड़कियों को वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है.

दक्षिण भारत में विभिन्न राज्यों में चल रही योजनाएं

तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की सरकार ने भी कई योजनाए चलाईं है. इनमें शादी मुबारक और कल्याण लक्ष्मी योजना के तहत दुल्हन के परिवार को 1 लाख की मदद दी जा रही है. केसीआर किट योजना में नवजात शिशु और मां के लिए जरूरी सामान के लिए 13 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. तमिलनाडु में विवाह सहायता योजना के तहत दुल्हन को 8 ग्राम जयललिता सोने का सिक्का दिया जा रहा है. कर्नाटक में सरकार सप्तपदी विवाह योजना के जरिए दुल्हन को 40,000 का मंगलसूत्र, 10,000 नकद और दूल्हे को 5 हजार रुपये नगद दे रही है.

उत्तर प्रदेश और असम चल रही योजनाएं

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार शादी अनुदान योजना के तहत मजदूर परिवार की दो बेटियों की शादी पर 55,000 और अंतरजातीय विवाह पर 61,000 रुपये दे रही है. भाग्यलक्ष्मी योजना के जरिए गरीब परिवारों की बेटियों की शिक्षा के लिए 50,000 रुपये के बॉन्ड दे रही है. असम में सरकार अरुंधति योजना के तहत दुल्हन को 1 तोला सोना दे रही है. ज्ञान दीपिका योजना के तहत दाखिला शुल्क माफी, मुफ़्त स्कूल यूनिफॉर्म और बैटरी से चलने वाली ई-बाइक दी जा रही है. इंदिरा मिरी यूनिवर्सल विधवा पेंशन योजना के तहत 45 वर्ष से ऊपर की विधवा महिलाओं को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता की जा रही है.

छत्तीसगढ़ और राजस्थान बीजेपी सरकार को इससे मिला फायदा

छत्तीसगढ़ सरकार शक्ति स्वरूपा योजना के तहत विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक मदद कर रही है. बीजेपी की सरकार में “महतारी वंदन योजना” लागू हुई. चुनाव से इसकी घोषणा से बीजेपी को फायदा मिला था. ओडिशा (नवीन पटनायक सरकार के समय) महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्मार्टफोन दिए गए थे. ममता योजना के जरिए गर्भवती महिलाओं को अपनी और शिशु की देखभाल के लिए 5,000 रुपये दिए जा रहे हैं. सुभद्रा योजना के जरिए भी महिलाओं की सहायता की जा रही है.

राजस्थान और दिल्ली में भी योजनाओं से मिला फायदा

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के समय से देवनारायण स्कूल स्कूटी योजना के जरिए 6,000 मेधावी आदिवासी लड़कियों को स्कूटी दी गई थी. सरकारी संस्थानों में लड़कियों को मुफ़्त शिक्षा की योजना शुरू की गई. आपकी बेटी योजना के तहत कक्षा 1-8 की लड़कियों को 1,000 रुपये और कक्षा 9-12 की छात्राओं को 2100 रुपये वजीफे के तौर पर दिया जा रहा है. इसी तरह दिल्ली में बीजेपी सरकार महिला समृद्धि योजना के तहत गरीब महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा कर चुकी है. इस योजना के लिए नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यह वित्तीय सहायता महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र बनाने के उद्देश्य से है.

कमलनाथ के बाद शिवराज को भी मिला फायदा

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के दौरान मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत दुल्हन को 51,000 रुपये दिए जा रहे हैं. बीजेपी सरकार में भी यह योजना अभी भी जारी है. विधवा और वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी की गई है. वहीं शिवराज सरकार में समय से लाड़ली बहना योजना चली जो अब तक जारी है. माना जाता है कि इस योजना से ही शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता काफी बढ़ी थी.

सभी दलों के लिए महिला मतदाता हुई निर्णायक साबित

वही बिहार में नीतीश कुमार की साइकिल योजना से लेकर मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना और दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा हर बार महिला मतदाता निर्णायक साबित हुई हैं. यही कारण है कि हर राज्य सरकार महिलाओं के लिए नकद, स्मार्टफोन, सोना, स्कूटी से लेकर शिक्षा,पेंशन और रोजगार तक की योजनाएं लेकर आ रही है.

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