यंगूनः म्यांमार की राजधानी में तख्तापलट करने वाली सेना से सत्ता को फिर से चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथ में सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने सोमवार को पानी की बौछार छोड़ी। वहीं, पिछले हफ्ते हुए तख्तापलट के विरोध में देश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन तेज होता दिख रहा है। नेपीता में बीते कुछ दिनों से प्रदर्शन जारी है और यह इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां कई नौकरशाह और उनके परिवार के लोग रहते हैं तथा शहर में प्रदर्शनों की कोई परंपरा नहीं रही है। यहां आम दिनों में भी काफी सैन्य जमावड़ा होता है। देश के सबसे बड़े शहर यंगून के प्रमुख चौराहों पर भी प्रदर्शनकारी काफी संख्या में जुटे।
प्रदर्शन में अब नर्स और बौद्ध भिक्षु भी कूद गए हैं। इससे घबराई नई सैन्य सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की धमकी दी है। उसने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे सड़कों से हट जाएं या बल प्रयोग का सामना करने को तैयार रहें। सेना ने गोली मारने तक की चेतावनी दी है। इसके बावजूद राजधानी नेपीता और यंगून समेत देश के कई हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और सत्ता निर्वाचित नेताओं के हाथों में सौंपने की मांग की। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए कई जगहों पर पानी की तेज बौझारों का प्रयोग किया गया।
उधर, दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के सात कस्बों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। रविवार को हजारों प्रदर्शनकारी शहर के सुले पैगोडा में जुटे जो 1988 के विद्रोह और उसके बाद 2007 में बौद्ध भिक्षुओं के नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन का प्रमुख केंद्र रहा था। दोनों ही विद्रोह को कुचलने के लिए सेना ने बेहद सख्त तरीके अपनाए थे। कुछ अधिकारियों को छोड़कर बीते हफ्ते सैनिक सड़कों पर नजर नहीं आए। नेपीता से सोमवार को आई गतिरोध की तस्वीरों में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और पुलिस के वाहनों से घिरे दिखे।