Category: राजस्थान

  • मासूम की दर्दनाक मौत! बीकानेर में आग से बचने के लिए लोहे की टंकी में छिप गया 5 साल का बच्चा, जिंदा जलकर हुई मौत

    मासूम की दर्दनाक मौत! बीकानेर में आग से बचने के लिए लोहे की टंकी में छिप गया 5 साल का बच्चा, जिंदा जलकर हुई मौत

    राजस्थान के बीकानेर में एक 5 साल के मासूम बच्चे की जिंदा जलने से तड़प-तड़पकर मौत हो गई. बच्चा घर पर अकेला था और माता-पिता किसी काम से बाहर गए थे. तभी घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. उसे कुछ समझ नहीं आया और वह अपनी जान बचाने के लिए लोहे की टंकी में जाकर छिप गया. आग ने टंकी को चारों तरफ से घेर लिया और बच्चे की अंदर ही तड़प-तड़पकर मौत हो गई.

    दरअसल, ये मामला बीकानेर के गुंदुसर गांव से सामने आया हैकल्याण सिंह अपने परिवार के साथ पूर्वी कांकड़ स्थित खेत में झोपड़ी बनाकर रहते हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक 5 साल का बेटा भरत है. शनिवार को कल्याण सिंह अपनी पत्नी के साथ किसी काम से बाहर गए थे और बच्चा घर पर ही अकेला था. इसी बीच ये हादसा हुआ, जिसमें भरत की जिंदा जलकर मौत हो गई.

    लोहे की टंकी से मिला बच्चे का शव

    जब कल्याण सिंह अपनी पत्नी के साथ वापस घर आए तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उनके आशियाने में आग लगी हुई थी और सब कुछ जलकर राख हो गया था. घर में सिर्फ लोहे का सामान ही बचा था. उन्होंने सबसे पहले अपने बेटे भरत को ढूंढना शुरू किया, लेकिन बेटा आसपास कहीं नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने अंदर पड़े सामान को टटोला और वहां तलाश की तो भरत का शव लोहे की टंकी से बरामद हुआ.

    पुलिस ने मामले की जांच शुरू की

    बताया जा रहा है कि आग की लपटों को देखकर बच्चा डर गया और अपनी जान बचाने के लिए वह लोहे की टंकी में बैठ गया होगा और वहीं उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और घटना की जांच शुरू कर दी. पुलिस ने बताया कि बच्चा घर पर अकेला था और तभी झोपड़ी में आग गई, जिसके बाद उसका शव एक लोहे की टंकी के अंदर मिला. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है.

  • अलवर में शर्मनाक वारदात! कलयुगी बेटे ने कुल्हाड़ी से काट डाला मां-बाप को, हत्या के बाद पैर से चांदी का कड़ा चुराकर हुआ फरार

    अलवर में शर्मनाक वारदात! कलयुगी बेटे ने कुल्हाड़ी से काट डाला मां-बाप को, हत्या के बाद पैर से चांदी का कड़ा चुराकर हुआ फरार

    राजस्थान के अलवर में एक कलयुगी बेटे ने अपने ही बुजुर्ग माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी. उसने माता-पिता पर कुल्हाड़ी से हमला किया और दोनों की हत्या कर मौके से फरार हो गया. हैवान बेटा अपनी मां के पैर से चांदी का कड़ा भी निकालकर ले गया. बताया गया कि आरोपी शराब का आदी है और शराब के नशे में वह आए दिन अपने माता-पिता के साथ मारपीट करता था. अब उसने उन्हें जान से मार डाला.

    ये मामला अलवर के गोविंदगढ़ से सामने आया है, जहां बड़ौदामेव थाना क्षेत्र के गांव हादरहेडा में रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग हरिराम जाटव और उनकी 65 साल की पत्नी शांति देवी के बेटे ओमप्रकाश ने उनकी कुल्हाड़ी से हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया. उसने रात के समय इस घटना को अंजाम दिया, जब सुबह होने पर दोनों पति-पत्नी घर से बाहर नहीं निकले, तब जाकर उनके बार में पता चला.

    खून से लथपथ बैड पर पड़े थे पति-पत्नी

    दंपत्ति के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने उनके घर के अंदर जाकर देखा तो पति-पत्नी खून से लथपथ हालत में बैड पर पड़े हुए थे. इसके बाद लोगों ने दंपत्ति के बड़े बेटे मोहरपाल को उनके माता-पिता की हत्या की जानकारी दी. मोहरपाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि उन्हें सुबह 11 बजे फोन पर उनके माता-पिता की हत्या की जानकारी दी गई.

    बड़े बेटे ने भाई के खिलाफ की शिकायत

    मोहरपाल ने पुलिस में शिकायत करते हुए बताया कि उसका एक छोटा भाई ओमप्रकाश है, जो गायब है. वह शराब का आदी है और आय दिन मां-पिता के साथ मारपीट करता रहता था. उसी ने रात को सोने से पहले माता-पिता के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर उनकी हत्या कर दी. वह मां के पैर का चांदी का कड़ा भी निकालकर ले गया. मोहरपाल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलवर में रहता है और मिस्त्री का काम करता है, जबकि ओमप्रकाश अविवाहित है.

    पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई

    थाना अधिकारी विजयपाल सिंह ने घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि मौके पर एफएसएल टीम ने सैंपल लिए हैं. दोनों बुजुर्गों के शवों को कब्जे में पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद साफ पता चलेगा कि दोनों की हत्या किस समय की गई. हालांकि, शुरुआती जांच में रात में ही हत्या की बात सामने आ रही है. इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी बेटे की तलाश भी शुरू कर दी है और जांच में जुटी हुई है.

  • राजस्थान में बड़ा फैसला: अब मदरसों में भी गाया जाएगा ‘वंदे मातरम’, शिक्षा मंत्री बोले- नियम सब पर लागू होगा

    राजस्थान में बड़ा फैसला: अब मदरसों में भी गाया जाएगा ‘वंदे मातरम’, शिक्षा मंत्री बोले- नियम सब पर लागू होगा

    राजस्थान में अब राष्ट्रगीत वंदे मातरम स्कूल-कॉलेजों के साथ मदरसों में भी गाया जाएगा. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले सभी स्कूलों, कॉलेजो और मदरसों में राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाया जाएगा. हालांकि मुस्लिम संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है. राजस्थान के वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने कहा कि हिंदुस्तान में आजादी है, हर किसी को अपने धर्म की प्रार्थना और इबादत करने की. सरकार ये न थोपे कि उन्हें कौन सी प्रार्थना करनी है.

    राष्ट्रगीत वंदे मातरम को 7 नवंबर को 150 साल हो जाएंगे. राजस्थान की बीजेपी सरकार ने राष्ट्रगीत का जश्न साल भर मनाने के लिए सरकार के अधीन सभी स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में वंदे मातरम नियमित गाने का फैसला किया है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकार के अधीन आने वाले सभी शिक्षण संस्थान, जिनमें मदरसे भी शामिल हैं, उनमें राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाया जाएगा.

    क्या बोले वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन?

    राजस्थान की बीजेपी सरकार के इस फैसले से मुस्लिम संगठन खफा हैं. मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामियों में को छिपाने के लिए वंदे मातरम का सहारा ले रही है. हिंदुस्तान में हर धर्म को आजादी है कि वो अपने धर्म के मुताबिक इबादत करें. सरकार उन पर ये न थोपे कि वो क्या प्रार्थना करें. वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने कहा कि सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण और विकास के बजाय वंदे मातरम के विवाद में उलझा रही है.

    कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

    उधर, कांग्रस ने आरोप लगाया कि बीजेपी वंदे मातरम के नाम पर सियासत कर रही है. वंदे मातरम गीत तो पहले भी गाया जाता रहा है. राजस्थान में मदरसे को लेकर विवाद पहली बार खड़ा नहीं हुआ. पिछली अशोक गहलोत सरकार ने मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए बड़े बजट का ऐलान किया था, तब बीजेपी ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण कहा था. गहलोत सरकार के दौरान सरकार ने मदरसा बोर्ड के जरिए मदरसों में फर्नीचर, कंप्यूटर और बिल्डिंग के लिए बड़ा बजट आवंटित किया था.

  • जयपुर में बड़ा नामकरण! नगर निगम ने शहर की 40 प्रमुख जगहों के नाम बदले, जानिए कौन-कौन सी जगहें शामिल

    जयपुर में बड़ा नामकरण! नगर निगम ने शहर की 40 प्रमुख जगहों के नाम बदले, जानिए कौन-कौन सी जगहें शामिल

    पिंक सिटी जयपुर के नगर निगम ने कार्यकाल खत्म होने से हफ्ते भर पहले शहर की तमाम सड़कों, चौराहों, पुलों और पार्कों के नाम बदल दिए हैं. नए नामकरण उन महापुरुषों के नाम पर किए गए हैं, जो इन दिनों बीजेपी और आरएसएस को ज्यादा सूट करते हैं. इनमें से एलिवेटेड ब्रिज भारत जोड़ो सेतु का भी नाम बदला गया है, जिसे तीन साल पहले तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित किया था.

    जयपुर के ग्रेटर नगर निगम की मौजूदा कार्यकारिणी की आखिरी बैठक में शहर के करीब 40 प्रमुख स्थलों का नाम बदले जाने का फैसला किया गया है. इसके तहत भारत जोड़ो एलिवेटेड ब्रिज अब लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर होगा. इसके अलावा, सेंट्रल पार्क और टोंक रोड का नाम बीजेपी में तमाम बड़े पदों पर रहे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के नाम पर किए जाने का फैसला किया गया है.

    जयपुर में 40 जगहों के बदले गए नाम

    साथ ही रामनिवास बाग में बन रहा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स अब आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर होगा. तीन चौराहों के नाम परशुराम सर्किल, चित्रगुप्त सर्किल और खाटू श्याम सर्किल होंगे. आखिरी बैठक में तकरीबन चालीस जगहों के नाम बदले जाने का फैसला किया गया है. नाम बदले जाने के फैसलों पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया है और बीजेपी पर इसके बहाने सियासत करने का आरोप लगाया है.

    कांग्रेस पार्टी ने जताया विरोध

    कांग्रेस पार्टी को सबसे बड़ा एतराज उस एलिवेटेड भारत जोड़ो ब्रिज को लेकर है, जिसका नामकरण सितंबर 2022 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने पार्टी सांसद राहुल गांधी की उन दिनों निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा को लेकर किया था. कांग्रेस का आरोप है कि भारत को जोड़ने का संदेश देने वाले पुल का नाम बदला जाना सियासी शिगूफा है. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के मुताबिक BJP की सरकार और उसके कार्यकाल में नगर निगम ने कोई नया काम नहीं किया गया.

    मेयर डॉ सौम्या गुर्जर ने क्या कहा?

    ऐसे में अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए नाम बदलने की गंदी सियासत की जा रही है. दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. बीजेपी नेत्री और जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉ सौम्या गुर्जर का कहना है कि महापुरुषों के सम्मान में अक्सर नए नाम दिए जाते हैं. किसी महापुरुष का नाम हटाकर दूसरे का नहीं रखा गया है. उनके मुताबिक सरदार पटेल ने भारत को जोड़ने की कोशिश की थी, इसी वजह से भारत जोड़ो सेतु को नया नाम दिया गया है.

    सेंट्रल पार्क और टोंक रोड का कोई नाम नहीं था, इसलिए उसे राजस्थान को नई पहचान दिलाने वाले भैरो सिंह शेखावत को समर्पित किया गया है. मेयर डॉ सौम्या गुर्जर के मुताबिक बैठक में पार्षद जनता के सुझाव पर जो प्रस्ताव देते हैं, उस आधार पर नामकरण का फैसला किया जाता है. ऐसे मामलों में राजनीति होना कतई उचित नहीं है. सभी को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहि

  • धर्म को किया शर्मसार! मिठाई के बहाने मस्जिद में बुलाकर 5 साल की बच्ची से रेप, अलवर कोर्ट ने मौलवी को सुनाई उम्रकैद

    धर्म को किया शर्मसार! मिठाई के बहाने मस्जिद में बुलाकर 5 साल की बच्ची से रेप, अलवर कोर्ट ने मौलवी को सुनाई उम्रकैद

    राजस्थान के अलवर में पॉक्सो कोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में मौलवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी मौलवी सितंबर 2024 में बच्ची को बहाने से मस्जिद ले गया था, जहां उसके दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. कोर्ट ने तमाम सबूतों और गवाहों को सुनते हुए मौलवी को दोषी ठहराया है. इस फैसले से पीड़ित परिवार काफी खुश है. उन्होंने कोर्ट का धन्यवाद किया है.

    अलवर जिले में पॉक्सो कोर्ट नंबर-2 की न्यायाधीश शिल्पा समीर ने 5 सालल की मासूम से दुष्कर्म के दोषी मौलवी असजद को अंतिम सांस तक कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज यादव ने बताया कि पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 22 सितंबर 2024 को मौलवी असजद उसकी 5 वर्षीय बेटी को मिठाईदेने के बहाने मस्जिद में ले गया और वहां उसके साथ दरिंदगी की.

    कोर्ट में पेश किए 18 सबूत-16 गवाह

    बच्ची की मां के मौके पर पहुंचने पर आरोपी वहां से फरार हो गया. पुलिस ने जांच में घटना को सत्य पाया और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट कोर्ट में पेश की. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 16 गवाहों और 18 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए. कोर्ट ने ने सबूतों, मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया. सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि 5 साल की मासूम बच्ची के साथ की गई यह दरिंदगी जघन्य अपराध है.

    मौलवी असजद को आजीवन कारावास

    इसमें किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती. अदालत ने मौलवी असजद को आजीवन कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है. इसके अलावा, पीड़िता को मुआवजा दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंसा भेजी है. आपको बता दें कि घटना के सामने आने के बाद पीड़ित परिवार टूट गया था. हालांकि, पुलिस की सक्रिय कार्यशैली से उन्हें महज 13 महीने के अंदर ही न्याय मिल गया है.

  • स्कूल में हादसा: चौथी मंजिल से कूदी 9 साल की छात्रा, CCTV फुटेज से खुलेगा राज? आत्महत्या या दबाव?

    स्कूल में हादसा: चौथी मंजिल से कूदी 9 साल की छात्रा, CCTV फुटेज से खुलेगा राज? आत्महत्या या दबाव?

    जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल में शुक्रवार को छठी कक्षा की एक छात्रा की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं घटना की जांच के लिए भेजी गई शिक्षा विभाग की टीम ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने जांच में सहयोग नहीं किया. पहले बताया जा रहा था छात्रा चौथी मंजिल से गिरी है, मगर अब उसके कूदने का फुटेज सामने आया है. पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है और पुलिस परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके.

    घटना के बाद स्कूल मैनेजमेंट से जुड़े लोग छात्रा को लेकर मेट्रो अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया था. छात्रा की मौत गंभीर हेड इंजरी के चलते हुई थी.

    घटना के बाद खून साफ करवाया

    सूत्रों के अनुसार स्कूल प्रशासन ने घटना के बाद खून साफ करवाया था. वहीं अभी तक स्कूल प्रशासन इस घटना को दुर्घटना बता रहा था. मगर छात्रा के रेलिंग से कूदने का फुटेज सामने आने के बाद तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि सुसाइड के कारणों की अभी तक जानकारी नही मिल पाई है.

    शिक्षा मंत्री ने दिया जांच का आदेश

    राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए समिति बनाई है. मंत्री ने कहा, ऐसा लगता है कि स्कूल में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध नहीं थे. विद्यालय संचालकों को बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंताम करने चाहिए.

    दिलावर ने अधिकारियों को स्कूल पहुंचकर जमीनी स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए. हालांकि छह अधिकारियों की टीम को डेढ़ घंटे से अधिक इंतजार करने के बावजूद कथित तौर पर प्रिंसिपल या प्रबंधन से मिलने नहीं दिया गया.

    स्कूल का कोई प्रतिनिधि हमसे नहीं मिला

    जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) राम निवास शर्मा ने कहा, ‘न तो प्रिंसिपल और न ही स्कूल का कोई प्रतिनिधि हमसे मिला. मुख्य द्वार अंदर से बंद था और बार-बार खटखटाने पर भी कर्मचारियों ने कोई जवाब नहीं दिया.

    अधिकारियों के अनुसार शिक्षा विभाग की टीम अपराह्न तीन बजे स्कूल पहुंची, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया. राम निवास शर्मा ने कहा कि हम गेट पर इंतजार करते रहे और प्रिंसिपल को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन कोई आगे नहीं आया. इस तरह का असहयोग करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग स्कूल की मान्यता रद्द करने पर विचार कर रहा है.

    शिक्षक के व्यवहार से परेशान थी छात्रा

    संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने आरोप लगाया कि यह आत्महत्या का मामला है क्योंकि पीड़िता कथित तौर पर एक शिक्षक के व्यवहार से परेशान थी. जैन ने कहा कि हमने कई छात्रों से बात की है. यह बात सामने आई है कि लड़की एक शिक्षक के व्यवहार से परेशान होकर चौथी मंजिल से कूद गई. दुख की बात है कि स्कूल प्रशासन ने सबूत मिटा दिए और घटनास्थल की सफाई कर दी.

    उन्होंने कहा कि न तो सरकार और न ही स्कूल सुरक्षा मानकों को गंभीरता से ले रहे हैं. जब कोई घटना होती है, तब उनकी नींद खुलती है. हमारी मांग है कि स्कूलों की विभिन्न समितियों में अभिभावकों को भी शामिल किया जाए और उनके सुझाव भी शामिल किए जाएं.

  • राजस्थान में मौसम का यू-टर्न: ठंड ने दी दस्तक, बारिश से पारा लुढ़का, जानें आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज

    राजस्थान में मौसम का यू-टर्न: ठंड ने दी दस्तक, बारिश से पारा लुढ़का, जानें आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज

    राजस्थान में ठंड ने दस्तक दे दी है. बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दवाब के कारण बारिश से राज्य के कई जिलों का तापमान गिरने लगा है. मौसम विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पश्चिम राजस्थान के फलोदी में सबसे अधिक 32.6 C और सबसे कम सिरोही में 14.7 C तापमान दर्ज किया गया, जबकि सबसे ज्यादा 130 मिमी बारिश नैनवा (बूंदी जिले) में दर्ज की गई.

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राजस्थान के 23 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले कुछ दिनों में गरज के साथ छींटे पड़ने, तेज हवाओं (20-40 किमी प्रति घंटे) और हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी गई है.

    यह अलर्ट भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां, कोटा, झालावाड़, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, करौली, सवाई माधोपुर, राजसमंद, बूंदी, टोंक, पाली, डूंगरपुर, सिरोही और नागौर जिलों के लिए है. अधिकारियों ने निवासियों को गरज के साथ छींटे पड़ने पर सावधानी बरतने की सलाह दी है.

    नैनवा में हुई सबसे अधिक बारिश

    मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के अनुसार, एक भीषण चक्रवाती तूफान, मोंथा, वर्तमान में आंध्र प्रदेश तट से दूर बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है. इस बीच, मध्य अरब सागर पर एक दबाव क्षेत्र बना हुआ है और उत्तर-पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में एक परिसंचरण तंत्र मौजूद है.

    मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हुई है. सबसे ज़्यादा 130 मिमी बारिश नैनवा (बूंदी जिले) में दर्ज की गई. अधिकारियों ने बताया कि उदयपुर, कोटा संभाग और आसपास के जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि अजमेर, जयपुर, भरतपुर और जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.

    जानें कैसा रहेगा राज्य का मौसम

    मौसम विभाग का कहना है गि अगले 4-5 दिनों तक दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है. इस दौरान बीकानेर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र सहित पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है.

    3 नवंबर के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिससे पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 अक्टूबर से बारिश में आएगी और मौसम शुष्क होगा. इसके साथ ही मौसम विभाग ने तापमान में गिरावट का भी अनुमान लगाया है, जिससे रात धीरे-धीरे सर्द होने लगेगी.

  • अलवर मंडी में प्याज कौड़ियों के भाव! किसानों को लागत निकालना हुआ मुश्किल, 200 रुपए क्विंटल के दाम से किसान परेशान

    अलवर मंडी में प्याज कौड़ियों के भाव! किसानों को लागत निकालना हुआ मुश्किल, 200 रुपए क्विंटल के दाम से किसान परेशान

    देश में नासिक के बाद प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी अलवर मंडी को माना जाता है. यहां से देश के अलावा अन्य विदेशों में भी प्याज की सप्लाई होती है. अलवर की प्याज स्वाद में अच्छी होती है, इसलिए इसलिए यहां की प्याज की डिमांड भी खूब रहती है. इस बार प्याज किसानों को रुला रही है. किसानों को प्याज के दाम नहीं मिल रहे है. मंडी में प्याज की आवक शुरू हुई है, लेकिन किसानों के पसीने छूट रहे हैं. दाम इतने कम है कि फसल बुवाई का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. किसान हताश और निराश होकर कर मंडी पहुंच रहे हैं. उनको डर है कि अगर यही हाल रहा तो उनका कर्ज कैसे चूकेगा.

    राज्य के अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली सहित आसपास क्षेत्र में प्याज की पैदावार होती है. इस बार अलवर क्षेत्र में 60 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्याज की बुवाई की गई थी. बीते साल किसान को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. इसलिए इस साल किसान ने प्याज की ज्यादा पैदावार की है. बारिश के चलते प्याज की फसल खराब हो गई थी, जिन किसानों ने प्याज की फसल की पहले बुवाई की थी उन किसानों की प्याज अब मंडी में पहुंचने लगी है. किसानों को प्याज के बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. मंडी में प्याज 200 रुपए से 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. एक बीघा प्याज की फसल की बुवाई में 50 से 65 हजार रुपए का खर्चा आता है. किसान ब्याज पर पैसे लेकर फसल की बुवाई करता है. यही वजह है कि किसान को डर है कि दाम इतने कम हैं, ऐसे में कर्ज कैसे चुकता होगा.

    एक्सपर्ट ने क्या कहा?

    मंडी विशेषज्ञ ने बताया कि मार्केट में अभी कर्नाटक, नासिक, महाराष्ट्र की प्याज बिक रही है. उसका ही बाजार में स्टॉक है. अलवर की प्याज की डिमांड बाजार में नहीं है. किसानों को बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं. अलवर की प्याज में नमी रहती है, इसलिए अलवर की प्याज को किसान स्टॉक नहीं कर सकता है. यह प्याज सीधे मंडी में आती है और मंडी से ही देशभर के खरीददार प्याज को खरीद कर अलग-अलग शहरों में सप्लाई करते हैं. लेकिन दाम कम होने की वजह से किसानों की हालात खराब है.

    इन राज्यों के प्याज की बढ़ी डिमांड

    महाराष्ट्र व कर्नाटक में प्याज की फसल की पैदावार इस बार बेहतर हुई है. वहां की प्याज मोटी व अच्छी होती है. इसलिए मंडी में उसकी डिमांड ज्यादा रहती है. नासिक सबसे बड़ी मंडी है और नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है.

  • बांसवाड़ा में रिश्तों का कत्ल! चर्च जाने से किया मना तो भाइयों ने पीट-पीटकर भाई को मार डाला, इलाके में सनसनी

    बांसवाड़ा में रिश्तों का कत्ल! चर्च जाने से किया मना तो भाइयों ने पीट-पीटकर भाई को मार डाला, इलाके में सनसनी

    राजस्थान के बांसवाड़ा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां केवल चर्च जाने से मना करने पर एक व्यक्ति को उसके सगे भाइयों और परिवार के सदस्यों ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

    मामला कलिंजरा थाना इलाके के शंभूपुरा गांव का है. मृतक की पहचान कालू पुत्र लक्ष्मण सोलंकी भील (उम्र 35 वर्ष) निवासी शंभूपुरा के तौर पर हुई है. मृतक की दो पत्नियों और अन्य परिजनों ने बताया कि कालू के भाई और कुछ अन्य रिश्तेदार उसे जबरन ईसाई धर्म स्थल चर्च ले जाना चाहते थे. वहां पादरी से मुलाकात करवाना चाहते थे.

    रास्ते में ही हो गई मौत

    जब कालू ने उनकी बात मानने से और चर्च जाने से साफ इनकार कर दिया, तो इससे गुस्साए भाइयों और परिवार के लोगों ने उसके साथ मारपीट की. वो चिल्लाता रहा और कहता रहा कि मुझे मत मारो. फिर भी वो लोग उसे पीटते रहे. फिर गुस्से में उन्होंने कालू के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया, जिससे उसे जानलेवा चोटें आईं. घायल कालू को तुरंत इलाज के लिए महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया जा रहा था, मगर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.

    मृतक के चार बच्चे हैं

    कलिंजरा थाना पुलिस ने मृतक के शव को मोर्चरी में रखवा दिया है. कलिंजरा थाना पुलिस ने मृतक के परिजनों द्वारा दी गई प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और पूरे प्रकरण की गहनता से जांच शुरू कर दी है. मृतक कालू की दो पत्नियां हैं. पहली पत्नी जीवी के तीन बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और दो बेटियां हैं, जबकि दूसरी पत्नी मंगली का एक बेटा है.

  • लापरवाही का भयानक अंत! शॉर्टकट के चक्कर में स्लीपर बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आई, तुरंत लगी आग, 3 की मौत और 12 घायल

    लापरवाही का भयानक अंत! शॉर्टकट के चक्कर में स्लीपर बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आई, तुरंत लगी आग, 3 की मौत और 12 घायल

    राजस्थान के जयपुर में प्राइवेट स्लीपर बस अचानक से हाईटेंशन तार की चपेट में आ गई. जिसके बाद बस में आग लग गई. इस कारण पूरी बस में करंट दौड़ पड़ा. हादसे में बस के अंदर बैठे तीन मजदूरों की मौत हो गई. वही 12 से ज्यादा मजदूर बुरी तरह झुलस गए. शाहपुरा इलाके के मनोहरपुर थाना क्षेत्र स्थित टोड़ी गांव के पास यह भीषण हादसा हुआ है.

    बताया जा रहा है कि मजदूरों से भरी एक बस हाई वोल्टेज विद्युत लाइन की चपेट में आने से आग की लपटों में घिर गई. हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. सूचना मिलते ही मनोहरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं शाहपुरा और आसपास के इलाकों से दमकल गाड़ियां आग बुझाने के लिए मौके पर भेजी गईं.

    6 मजदूरों को जयपुर रेफर किया गया

    तीन मजदूरों की हादसे में मौत हो गई. जबकि, अन्य झुलसे हुए मजदूरों को एम्बुलेंस की मदद से शाहपुरा के उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया है. बताया जा रहा है कि इनमें से 6 मजदूरों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जयपुर रेफर किया गया है.

    आग पर काबू पाने का काम जारी है

    फिलहाल दमकल की टीम आग पर काबू पाने में जुटी है. पुलिस पूरे मामले की जांच में लगी हुई है. बताया जा रहा है कि बस में सवार सभी लोग मजदूर थे, जो काम पर जा रहे थे. तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया.

    टोल बचाने के चक्कर में हादसा

    जांच में सामने आया कि स्लीपर बस सवारियों से खचाखच भरी हुई थी. टोल बचाने की वजह से कच्चे रास्ते मे उतारी थी. बस ओवरलोड थी और बस की छत पर सामान रखा हुआ था. इसी वजह से हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई. सभी मजदूर दिवाली की छुट्टी पर घर गए थे. इन सभी मजदूरों को यह बस यूपी के पीलीभीत से लेकर यहां आई थी.

    जयपुर के SMS हॉस्पिटल में अलर्ट

    बस हादसे की जानकारी मिलते ही जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में टीम को अलर्ट रखा गया है. जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी भी मौके पर रवाना हुआ हैं. अभी तीन लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है. जिला पुलिस की विशेष टीम और सिविल डिफेंस की टीम भी रवाना हो गई हैं.