बठिंडा। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले किसानाें ने नेताओं का विराोध तेज कर दिया है। बूुधवार काे नाभा विधानसक्षा क्षेत्र के गाव चहल में कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत व बठिंडा एम्स जा रहे भाजपा के राज्यसभा सदस्य का विराेध किया। कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत सड़क निर्माण कार्य का उद्घाटन करने पहुंचे थे। भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के साथ-साथ अन्य किसान यूनियनों ने विरोध किया। किसानाें ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता में आने से पहले किए वादे पूरे नहीं किए।
आज भी किसानों को जहां रेगुलर बिजली सप्लाई नहीं दी जा रही वहीं घर-घर नौकरी का वादा भी पूरा नहीं किया। किसान संगठनों के विरोध के बाद साधु सिंह धर्मसोत ने जल्दबाजी में सड़क निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। उसके बाद, पुलिस ने उन्हें वहां से निकाला।
वहीं यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में (एम्स) में मीटिंग करने के लिए पहुंचे राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है। मलिक के आने की सूचना जैसे ही किसानों को मिली, वे एम्स को जाने वाले रास्ते पर धरना लगाकर बैठ गए। इस बीच किसानों को रोकने के लिए एसएसपी भूपिंद्रजीत सिंह विर्क की अगुआई में भारी पुलिस बल तैनात किया गया
जैसे ही श्वेत मलिक एम्स में जाने लगे तो किसान उनका घेराव करने के लिए आगे बढ़े। मगर पुलिस फोर्स ने किसानों को रोककर मलिक के लिए एम्स जाने का रास्ता साफ किया। उनके साथ अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला भी थे। इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच काफी धक्कामुक्की भी हुई। इसके चलते बठिंडा डबवाली रोड से गुजरने वाले ट्रैफिक भी काफी प्रभावित हुआ। जबकि किसानों को रोकने के लिए तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ के अलावा एक एसपी व 4 डीएसपी को भी तैनात किए गए थे।
किसानों का आरोप था कि भाजपा ने खेती कानून लागू कर किसानों को मरने के लिए मनबूर कर दिया है। जिस कारण अब वे भाजपा नेताओं का घेराव कर रहे हैं। उनका संघर्ष कृषि कानून के निरस्त किए जाने तक जारी रहेगा। दूसरी तरफ, पंजाब में भाजपा नेताओं पर किसानों की तरफ से किए जा रहे हमले को देखते हुए पुलिस ने सख्त सुरक्षा के प्रबंध किए हैं।