भोपाल। अपहृत हुई बच्चियों की खोज के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सख्ती की तो एक माह में 2,444 बच्चियां बरामद कर ली गई। मध्य प्रदेश के बैतूल, अशोकनगर, होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन जिले ने इसमें अच्छा काम किया। यह जानकारी सोमवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री द्वारा कलेक्टर, कमिश्नर, आइजी और पुलिस अधीक्षकों के साथ की गई वीडियो कांफ्रेंस में सामने आई। मध्य प्रदेश पुलिस की अधिकृत जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर 2020 की स्थिति में प्रदेश की 4,920 बालिकाएं लापता हैं। इनमें सबसे बड़ा आंकड़ा इंदौर का है। यहां से 389 बालिकाएं लापता हैं। इसके बाद रीवा की 263 बालिकाओं का सुराग नहीं लगाया जा सका है।
किस प्रदेश से कितनी बच्चियां बरामद
प्रदेश- संख्या
गुजरात- 64
उत्तर प्रदेश- 55
दिल्ली- 36
राजस्थान- 30
हरियाणा- 23
घर छोड़ने या गुमने की वजह
– 42.7 फीसद बच्चियों ने नाराज होकर घर छोड़ा
– 21.1 फीसद बच्चियां प्रेम संबंध में घर से चली गई थीं
– 13.6 फीसद बच्चियां स्वेच्छा से रिश्तेदार के घर चली गई
– 6.1 फीसद बच्चियों ने आर्थिक तंगी के कारण घर छोड़ा
– 5.1 फीसद बच्चियों को जबरदस्ती पकड़ कर ले जाया गया
– 4.9 फीसद बच्चियां मानसिक तनाव के कारण घर से चली गई
– 2.4 फीसद बच्चियां रास्ता भटक गई
– 1.2 फीसद मेल या सार्वजनिक स्थान से परिजनों से बिछड़ गई
– 0.5 प्रतिशत बच्चियों ने इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती के कारण घर छोड़ा
– 0.3 फीसद बच्चियां शादी के लिए बेची गई