नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वेबसाइट पर भारतीय नक्शे के गलत चित्रण का मुद्दा विश्व निकाय के समक्ष पूरी दृ़ढ़ता के साथ उठाया गया। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने पोर्टल पर स्पष्टीकरण के लिए एक डिस्क्लेमर डाला। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
मुद्दा उठाए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ ने स्पष्टीकरण के लिए डिस्क्लेमर डाला
उनसे पूछा गया था कि क्या डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर डाले गए भारत के नक्शे में केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग रंग में दिखाया गया था? मुरलीधरन ने बताया डब्ल्यूएचओ के समक्ष उसकी वेबसाइट पर भारत के नक्शे के गलत चित्रण का मुद्दा उच्च स्तर पर पूरी दृ़ढ़ता के साथ उठाया गया। इसके जवाब में विश्व निकाय ने जेनेवा में स्थित भारत के स्थायी मिशन को सूचित किया कि उसने अपने पोर्टल पर एक डिस्क्लेमर डाला है।
कहा, मानचित्र पर दर्शाए गए बिंदु किसी देश की सीमाओं का मात्र अनुमान
मुरलीधरन ने बताया कि भारत सरकार की ओर से अपनी सीमाओं के सही चित्रण के बारे में अपना रख स्पष्ट रूप से दोहराया गया। उन्होंने बताया, डिस्क्लेमर में कहा गया कि सामग्री का प्रस्तुतीकरण किसी भी देश, क्षेत्र या उसके प्राधिकार की कानूनी स्थिति के बारे में डब्ल्यूएचओ की ओर से किसी प्रकार की राय की अभिव्यक्ति नहीं है।
दिए गए नामों और प्रदर्शित की गई सामग्री द्वारा किसी देश, उसके भूक्षेत्र या उसके किसी प्राधिकरण की वैधानिक स्थिति अथवा उसकी सीमाओं या सीमा क्षेत्रों में परिर्वतन लाने के संबंध में की गई कोई भी टिप्पणी विश्व स्वास्थ्य संगठन की राय नहीं है। डिस्क्लेमर के अनुसार, मानचित्र पर दर्शाए गए बिंदु या डैश लाइन किसी देश की सीमाओं का अनुमान मात्र है, जिसके संबंध में हो सकता है कि पूर्ण सहमति न हो।