पंजाब की राजनीति से जुड़ी खबर, Congress में शामिल हुआ ये सीनियर नेता
चंडीगढ़/पटियाला: पंजाब की राजनीति में आज एक और धमाका हुआ जब पूर्व राज्य मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता अनिल जोशी औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उनके शामिल होने को कांग्रेस, खासकर माझा क्षेत्र के लिए एक बड़ा बढ़ावा माना जा रहा है। चंडीगढ़ में आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह में जोशी को पार्टी में शामिल करने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद थे। इनमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री), पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा शामिल थे।
जोशी का राजनीतिक सफर
पंजाब की राजनीति में एक प्रमुख हिंदू चेहरे के रूप में जाने जाने वाले अनिल जोशी के लिए यह तीसरा बड़ा राजनीतिक दौर है। वह पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता थे और अमृतसर उत्तर से 2 बार विधायक रहे। उन्होंने 2012 से 2017 तक अकाली-भाजपा सरकार में स्थानीय सरकार और चिकित्सा शिक्षा जैसे प्रमुख विभागों में मंत्री के रूप में कार्य किया। इस तरह से उन्होंने भाजपा से अकाली दल में आए और अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। जोशी को जुलाई 2021 में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर पार्टी की आलोचना करने के कारण भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद वे अकाली दल में शामिल हो गए।
अकाली दल छोड़ने का कारण
भाजपा के बाद, वे अकाली दल में शामिल हो गए, लेकिन पार्टी की नीतियों और पंजाब के मुख्य मुद्दों पर सार्थक चर्चा न होने का हवाला देते हुए नवंबर 2024 में इस्तीफा दे दिया। हालाँकि, वे जून 2025 में अकाली दल में लौट आए, लेकिन अब उन्होंने इसे फिर से अलविदा कह दिया है।
क्या कांग्रेस को मिलेगा बड़ा फायदा?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जोशी के इस कदम से कांग्रेस, खासकर अमृतसर और अन्य शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में, मजबूत होगी। आगामी चुनावों में पार्टी को उनके राजनीतिक अनुभव और जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ का फायदा मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार, ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें आगामी तरनतारन उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बना सकती है। जोशी के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि उन्होंने बिना किसी चुनाव लड़ने की शर्त के कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है क्योंकि वह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास करते हैं। जोशी के कांग्रेस में आने से निश्चित रूप से पंजाब की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है और राज्य के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करने की क्षमता है।