मुंबई, पुणे, ठाणे… महाराष्ट्र के इन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, IMD ने कहा- अगले 48 घंटों में जमकर बरसेंगे बादल

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महाराष्ट्र में अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. पिछले एक हफ्ते से बादल बरस रहे हैं. बारिश से किसान परेशान हैं. उनकी फसलें डूब गई हैं. वहीं मौसम विभाग ने आज कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में रुक-रुक कर तेज बारिश होगी. बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण 26 सितंबर से बारिश तेज होने की संभावना है. मानसून वापसी के दौरान फिर से सक्रिय हो गया है, जिससे महाराष्ट्र के मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. IMD के अनुसार, कोंकण, घाटमाथा, मराठवाड़ा और विदर्भ में भारी बारिश का अनुमान है.

दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यह स्थिति पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बने एक निम्न दबाव क्षेत्र के कारण उत्पन्न हुई है. यह निम्न दबाव क्षेत्र आज ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ते हुए एक गंभीर निम्न दबाव क्षेत्र में विकसित होने की संभावना है. इन बदलावों के कारण हवा की दिशा बदल गई है और महाराष्ट्र में एक बार फिर तेज हवाओं की स्थिति बन गई है.

27 और 28 सितंबर को ऑरेंज अलर्ट

महाराष्ट्र के कई जिलों में 25 से 30 सितंबर के बीच भारी बारिश जारी रहेगी. मुंबई समेत पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ जिलों के लिए 27 और 28 सितंबर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण आज कोंकण तट (ठाणे, मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग), पश्चिमी महाराष्ट्र के घाटमाथा (पुणे, सातारा, कोल्हापुर), मराठवाड़ा (धाराशिव, लातूर, परभणी, हिंगोली, नांदेड़) और विदर्भ (बुलढाणा, वाशिम, यवतमाल, चंद्रपुर) जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने इन सभी इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

वापस लौट आया मानसून

मौसम विभाग ने यह भी अनुमान जताया है कि अगले दो दिन 27 और 28 सितंबर को मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, कोल्हापुर, सतारा और लातूर जिलों में भारी बारिश होगी. इसके चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. उत्तर भारत से आने वाली दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाएं (मानसून) कुछ राज्यों से वापस लौट गई हैं. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के साथ-साथ गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से मानसून वापस लौट चुका है.

बंगाल की खाड़ी से सिस्टम सक्रिय

हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बदलाव के कारण महाराष्ट्र में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है. IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया (संभावित डिप्रेशन) के कारण 26 से 28 सितंबर तक महाराष्ट्र के कोकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. कहीं-कहीं पर बहुत भारी बारिश की भी आशंका जताई गई है.

इस बीच, पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में बाढ़ आ गई है. चूंकि बारिश की तीव्रता फिर से बढ़ने की आशंका है, इसलिए प्रशासन ने किसानों और नागरिकों से उचित सावधानी बरतने और नदियों व नहरों के पास जाने से बचने की अपील की है.

बारिश से होगा ये असर

  • निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति.
  • शहरों में ट्रैफिक और बिजली आपूर्ति बाधित होने की संभावना.
  • समुद्र तटीय इलाकों में ऊंची लहरें और भूस्खलन का खतरा.
  • सड़क, रेल और हवाई सेवाओं पर असर पड़ सकता है.

बाढ़ग्रस्त किसानों के लिए केंद्र से मांगी गई मदद

राज्य सरकार ने बाढ़ग्रस्त किसानों के नुकसान का आकलन कर केंद्र से मदद मांगी है. NDRF और स्थानीय आपदा प्रबंधन दल को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है. राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि निचले इलाकों से दूर रहें, अचानक पानी बढ़ सकता है. तेज हवा और बिजली गिरने के दौरान घर से बाहर निकलने से बचें. नदियों और नालों के किनारे जाने से परहेज करें. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें.

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