महाराष्ट्र में बारिश का कहर, CM फडणवीस ने की राहत कार्यों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए खास निर्देश

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महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से हालात बेहद खराब हो गए हैं. खासतौर पर मुंबई और उसके आसपास के जिलों में शनिवार देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. सीएम बारिश और बाढ़ की स्थिति पर जिलाधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.

रविवार (28 सितंबर) को मुख्यमंत्री फडणवीस ने मराठवाड़ा के आठ जिलों और सोलापुर में वर्षा की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को जमीनी स्तर पर प्रयास तेज करने का निर्देश दिया. सीएम ने छत्रपति संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड, धाराशिव, परभणी और सोलापुर जिलों की स्थिति की समीक्षा की.

सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत शिविरों में भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही उन्होंने कई जिलों में चारे की कमी को देखते हुए तुरंत आपूर्ति बढ़ाने के आदेश भी दिए. साथ ही भारी बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने की मात्रा में वृद्धि होने के मद्देनजर सीएम ने संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को पहले ही निकालने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया.

पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति के निर्देश

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि सीएम ने अधिकारियों को राहत शिविरों में भोजन, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि सभी अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में रहना चाहिए और राहत एवं बचाव कार्यों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए. वहीं कुछ क्षेत्रों में चारे की कमी की खबरों पर संज्ञान लेते हुए सीएम ने पशुओं के लिए चारे की तत्काल आपूर्ति के निर्देश दिए.

बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति की समीक्षा

सीएम ने राज्य भर के बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति की समीक्षा की और जल संसाधन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने एवं पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. सीएमओ के बयान के मुताबिक जो लोग पहले ही राहत शिविरों में स्थानांतरित हो चुके हैं, उन्हें स्थिति में सुधार होने तक वहीं रहने को कहा गया है.

इधर मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्रों में 30 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कई जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.

प्रमुख जिलेवार स्थिति :

बांध की स्थिति: जयकवाड़ी से 1.25 लाख क्यूसेक (संभावना 1.5 लाख क्यूसेक तक), माजलगांव से 41,701 क्यूसेक, उजनी से 1 लाख क्यूसेक और सीना-कोळेगाव से 60-75 हजार क्यूसेक विसर्ग.

सोलापुर जिला: अब तक 4,002 लोगों का रेस्क्यू, 6,500 लोग राहत शिविरों में. भोजन, पानी और स्वास्थ्य की व्यवस्था. 10 किलो चावल, 10 किलो गेहूं और 10,000 रुपए की तात्कालिक मदद वितरित.

बीड जिला: वडवणी तहसील में संपर्क टूटा. एनडीआरएफ और सेना तैनात. अब तक 2,567 परिवारों का विस्थापन, 10 लोगों की मौत, 8 परिवारों को आर्थिक सहायता.

जालना जिला: 26 मंडलों में अतिवृष्टि. 225 लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया. जून से अब तक 9 मौतें. 7 परिवारों को आर्थिक मदद.

लातूर जिला: अहमदपुर, उदगीर समेत कई जगहों से 500 से अधिक लोगों को बचाकर शिविरों में रखा गया. 60 सड़कें और पुल जलमग्न थे, अब यातायात शुरू.

परभणी जिला: 23-24 सितंबर को 36 गांवों का संपर्क टूटा. अब तक 1,386 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. 6 मौतें, सभी परिवारों को आर्थिक मदद. 203 घरों को नुकसान, प्रभावितों को सहायता दी गई.

हिंगोली जिला: 23 मंडलों में नुकसान. 10 गांवों का संपर्क टूटा. 231.27 करोड़ रुपए वितरित करने की प्रक्रिया. 13 लोगों की मौत, परिवारों को मदद.

छत्रपति संभाजीनगर जिला: जिले में 818.5 मिमी बारिश (सामान्य 581.7 मिमी). 68 मंडलों में अतिवृष्टि. 133 पक्के और 291 कच्चे घर क्षतिग्रस्त. पैठण में नागरिकों को शाळा और मंगल कार्यालय में कार्यालय में स्थानांतरित किया.

धाराशिव जिला: 6 गांवों का संपर्क टूटा. 3,615 लोगों को सुरक्षित कार्यालय में स्थानांतरित किया. 88 घर ढहे, तत्काल सहायता दी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मैदान पर रहकर राहत और बचाव कार्य की निगरानी करें और नागरिकों को सभी आवश्यक मदद तुरंत उपलब्ध कराएं.

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