बिलासपुर। लकड़ी तस्करी या वन्य प्राणियों का शिकार करने वालों की अब खैर नहीं रहेगी। बिलासपुर वनमंडल के वनकर्मियों ने सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब बिलासपुर रेंज के सभी सर्किल के कर्मचारी एक साथ टीम बनाकर गश्त करेंगे। इस जांच की न तो तारीख तय रहेगी और न जगह। बामुश्किल एक से दो घंटे पहले गश्त करने का निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद जिस जगह पर एकत्र होने का निर्णय लिया जाएगा, सभी वहां पहुंच जाएंगे। इस गश्त की सबसे खास बात यह है कि वन अमला बाइक में निकलेंगे, ताकि जंगल के हर क्षेत्र में पहुंच सके।
जंगल व वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर बनाई गई यह योजना बिलासपुर वन परिक्षेत्र के कर्मचारियों ने खुद बनाई है। इसे लेकर पिछले दिनों एक बैठक हुई थी। इसमें जंगल को कैसे सुरक्षित रखा जाए और अपराधियों पर शिकंजा कसने के और बेहतर करने पर चर्चा हुई। हालांकि ऐसा नहीं है कि अभी जांच नहीं होती। पर अकेले एक बीट रक्षक चाहकर भी बेहतर पेट्रोलिंग नहीं कर पाता। इतना ही नहीं वनकर्मियों की कमी भी जंगल की सुरक्षा में बाधा डालती है।
लिहाजा बेहतर सुरक्षा का ऐसा विकल्प निकाला गया, जो प्रदेश में शायद पहली बार होगा। रेंज में जितने सर्किल है। वहां के कर्मचारी अब एक साथ बाइक पर गश्त करने के लिए निकलेंगे। माना जा रहा है कि इस नई पहल से न केवल बेहतर निगरानी होगी, बल्कि अपराधियों के बीच वन विभाग का खौफ भी रहेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि कर्मचारियों में साहस भी बढ़ेगा। अकेले होने के कारण कमी रहती है।
रेंज में छह सर्किल और 27 बीट
बिलासपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत छह सर्किल है। जिनमें बेलतरा, खोंदरा, सोठी, सीपत और बिलासपुर शामिल है। इन सर्किलों के अंतर्गत 27 बीट बेलतरा, लिम्हा, धौरामुड़ा, कोरबा, बांका, नान बांका, खोंदरा, भरवाडीह, कारीछापर, ठरकुपर, मंजुरपहरी, सोंठी, नवापारा, बिटकुला, खम्हरिया, बिलासपुर, रानीगांव, गोंदइयां, फदहाखार, चिल्हाटी आदि शामिल है। इन सभी को मिलाकर 30 कर्मचारी है। यही 30 कर्मचारी एक साथ औचक जांच करेंगे।