रायपुर: आयकर विभाग की धारा 147 व 148 के समाप्त किए जाने के बाद करदाताओं को बड़ी राहत मिल गई है। इसके तहत अब आयकर विभाग तीन साल से अधिक पुराने मामले की पुन: जांच नहीं कर सकता। बताया जा रहा है कि इस साल आम बजट में इसकी घोषणा भी की गई थी और एक जुलाई से इसे लागू कर दिया गया है। आयकर के नये नियमों के अनुसार, अब एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक पांच साल के नोटिस का अधिकार खत्म हो गया है। मगर, आयकर विभाग को अगर 50 लाख रुपये से अधिक के टैक्स चोरी का संदेह है, तो वह दस साल पुराने मामले की जांच कर सकता है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।
अब तक विभाग के पास यह था अधिकार
कर विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक आयकर अधिकारियों के पास यह अधिकार था कि विभाग धारा 148 के तहत नोटिस देकर 10 साल पुराने लेन-देन की जांच कर सकता था। मगर, एक जुलाई 2021 से इस अधिकार को खत्म कर दिया गया है।
नोटबंदी के समय से बढ़ गए थे पुराने मामले
आयकर सूत्रों के अनुसार, साल 2016 में किए गए नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग द्वारा पुराने मामले खंगालने का काम काफी बढ़ गया था। उस दौरान हजारों की संख्या में करदाताओं को नोटिस भी भिजवाया गया था। मगर, अब ऐसा नहीं किया जा सकेगा।
ईमानदारी से भरें टैक्स
करदाताओं के लिए इसे एक बड़ी राहत कहा जा सकता है। मगर, करदाताओं को भी यह ध्यान देना होगा कि वे अपना टैक्स पूरी ईमानदारी से भरें।
– चेतन तारवानी, पूर्व अध्यक्ष, आयकर बार एसोसिएशन