कांग्रेस शुरू कर रही कोरोना हेल्पलाइन- रामनवमी से अभियान का आगाज, महामारी में अपनों को खोने वालों की करेंगे कानूनी मदद, सरकार पर साधा निशाना

Om Giri
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कांग्रेस शुरू कर रही कोरोना हेल्पलाइन:रामनवमी से अभियान का आगाज, महामारी में अपनों को खोने वालों की करेंगे कानूनी मदद, सरकार पर साधा निशाना

कोरोना काल में अपनों को खोने वालों की मदद के लिए कांग्रेस आगे आई है। कांग्रेस एक अनूठी योजना की शुरूआत रामनवमी पर करने जा रही है। इस योजना में कोरोना काल में अपनों को खोने वालों की कानून मदद की जाएगी। कानूनी तौर पर इन लोगों की मदद करने की जिम्मेदारी मप्र कांग्रेस के मीडिया पेनलिस्ट और एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस योजना की शुरूआत राम नवमी पर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला करेंगे।

परिजनों को फ्री में मिलेगी कानूनी सलाह
विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी को विधानसभा 1 के लिए अधिकृत किया है। वे कोरोना काल में अपनों को खो चुके लोगों को कानूनी सलाह देंगे। द्विवेदी बताते है कि कोरोना से जिन परिवारों ने अपने मुखियाओं को खो दिया है उनके वारिस या संपत्ति के स्वामी का नामांतरण सहित विभिन्न सरकारी ऑफिसों में कैसे किया जाए, इसकी कानूनी सलाह दी जाएगी। यह एक अनूठा और फ्री अभियान है जो रामनवमी पर शुरू किया जा रहा है।

कमलनाथ के सुझाव पर शुरू किया जाएगा अभियान
विधायक शुक्ला के मुताबिक पूर्व सीएम कमलनाथ इन जरुरतमंद लोगों को न्याय नहीं मिलने से व्यथित है। उनके ही सुझाव और दिशा-निर्देश पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और मेरे द्वारा यह पूरा अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा आवेदन, आवश्यक डॉक्यूमेंट और विधिक दस्तावेज के लिए एक हैल्प लाइन भी रामनवमी पर शुरू की जा रही है। ऐसे लोगों की मदद के लिए अलग-अलग वार्डों में सीधे संवाद की भी व्यवस्था की जा रही है।

भाजपा पर साधा निशाना
विधायक ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मप्र की भाजपा सरकार ने इन पीड़ित परिवारजनों की सहायता के कई वादे और घोषणाएं की पर आज तक किसी पर भी अमल नहीं किया। इन लोगों को स्टाम्प शुल्क में भी कोई रियायत नहीं दी गई। नामांतरण शुल्क, शपथ पत्र शुल्क, लीज किराया, सर चार्ज के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र तक के लिए शुल्क लिया जा रहा है। बिजली के बिल को लेकर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो इनके बिजली के बिल माल कर देते है और एक साल बाद बकाया जोड़कर भेज दिए जाते है। सरकार आपदा में भी कमाई के अवसर तलाश रही है। जबकि जिस भी परिवार ने इस त्रासदी का सामना किया है उनके प्रति शासन प्रशासन का रवैया सहानुभूति वाला होना चाहिए। ऐसे लोगों की मदद के लिए जरुरत पड़ी तो चरणबद्ध आंदोलन भी करेंगे।

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