किश्तवाड़। जम्मू-कश्मीर के जिला किश्तवाड़ की डच्चन तहसील के दूरदराज गांव हंजंर में आज तड़के बारिश कहर बनकर बरसी। गांव में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में करीब आठ मकान बह गए। उन घरों में रहने वाले परिवारों के करीब 30 सदस्य मलवे में दब गए। अभी तक बचाव दल ने पांच लोगों के शव जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं, बरामद कर लिए हैं। सेना, पुलिस, आपदा प्रबंधन के सदस्य व स्थानीय लोग मलवे में दबे लोगों को बचाने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं।
वहीं यह दुखद समाचार मिलते ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी बचाव कार्य से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व डीजीपी दिलबाग सिंह से संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि एसडीआरएफ, सेना, पुलिस व स्थानीय लोगों का संयुक्त दल बचाव कार्य में जुटा हुआ है। जल्द ही जम्मू व श्रीनगर से एनडीआरएफ की टीमें भी हैलीकाप्टर द्वारा मौके पर पहुंच जाएंगी।
वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने लापता लोगों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए बचाव दल को कार्य में तेजी लाने के लिए भी कहा। यही नहीं वहीं इस घटना पर दुख जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि आज सुबह किश्तवाड़ से एक दुखद खबर आ रही है। उपरी इलाकों में बादल फटने से वहां अफरातफरी मच गई है। हम प्रार्थना करते हैं कि लापता लोग सकुशल बरामद हो जाएं। जो इस हादसे में जान गवां बैठे हैं, उनकी आत्मा को शांति मिले।
Terrible news coming in this morning from Kishtwar where a cloud burst has struck the upper reaches. Praying that the people missing are recovered safe & sound. May the souls of the departed rest in peace.
आपको बता दें कि पिछले 12 घंटों के भीतर किश्तवाड़ में दो जगह बादल फटा है। पहला बादल किश्तवाड़ के गुलाबगढ़ चशौती में गत मंगलवार शाम को फटा। हालांकि इसमें किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है परंतु नालों में आए तेज उफान की वजह से चार पुल बह गए कुछ मकानों को क्षति पहुंची है। इसके बाद आज सुबह 4.30 बजे दूसरा बादल किश्तवाड़ में डच्चन इलाके के हंजंर इलाके में फटा, जिसकी चपेट में आने से जान व माल का काफी नुकसान हुआ है। 8 घर मिट्टी में दफन हो गए। बताया जा रहा है कि इन घरों में रहने वाले परिवारों के करीब 30 सदस्य अभी भी लापता हैं। हालांकि 5 शव बरामद हो चुके हैं। पूरे इलाके में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
किश्तवाड़ के डीसी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि बचाव दल ने अब तक बादल फटने से प्रभावित गांव से पांच लोगों के शव बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि बादल फटने से आई अचानक आई बाढ़ में कुल 8 घर बह गए। वहीं पुलिस महानिदेशक-सह-कमांडेंट जनरल होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ, वीके सिंह ने बताया कि अभी तक मिले पांच शवों में दो महिलाएं शामिल हैं। अभी भी गांव के 25 से अधिक लापता हैं। उन्हें ढूंढने का काम जारी है।
उन्होंने बताया कि किश्तवाड़ से एसडीआरएफ की एक टीम गांव में पहुंच गई। दो और टीमें डोडा और उधमपुर जिलों से जा रही हैं। एसडीआरएफ की दो और टीमें मौसम में सुधार का इंतजार कर रही हैं। उन्हें जम्मू और श्रीनगर से हैलीकाप्टर की मदद से घटना स्थल तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बादल फटने से 7 घर और एक राशन की दुकान क्षतिग्रस्त हुई है।
किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त ने कहा कि दूरदराज के लैम्बार्ड इलाके में रात में दो और बादल फटे लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बुनियादी ढांचों को कुछ नुकसान हुआ है। लगातार बारिश को देखते हुए पाडर इलाके से 60 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहां उनको खतरा हो सकता था।
वहीं मंगलवार देर शाम को किश्तवाड़ के ही गुलाबगढ़ से 25 किलोमीटर दूर चशौती गांव के पास बादल फटने से हाहाकर मच गया। इससे मचैल से आने वाले बोट नाले में उफान पर आ गया। एकाएक आए पानी का बहाव रास्ते में सब बहाकर ले जाता रहा। एक के बाद एक चार पुल इस उफान में बहते चले गए।
सबसे पहले कुंडेल गांव में पुल से जब पानी टकराया तो लोगों में हड़कंप मच गया। उसके बाद बोटनाला पर चशोती के पास सन्यास गांव पर बना पुल बह गया। देखते ही देखते सयोगी एवं पडीवाग में भी नाले पर बने पुल बह गए। ग्रामीणों ने तुरंत गुलाबगढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी और प्रशासन ने हाईअलर्ट घोषित किया। इसके बाद पडीवाग क्षेत्र में गांवों को खाली करा दिया गया। अन्य ग्रामीणों को भी हिदायत दी गई कि वह तुरंत घरों को खाली कर गुलाबगढ़ के ऊपरी हिस्सों में आ जाएं।
गुलाबगढ़ के एसडीएम वरुण जीत सिंह चाढ़क का कहना था कि अभी किसी जनहानि की सूचना नहीं है। पूरे क्षेत्र को खाली करवा लिया गया है। हालांकि आधी रात के बाद नाले में पानी का बहाव धीरे धीरे कम हो रहा था लेकिन इलाके में तेज बारिश की वजह से आगे की स्थिति का जायजा नहीं लिया जा सकता। स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि पानी के तेज बहाव के कारण रास्तों को काफी क्षति पहुंची है। इसी लिए अभी तक कोई बचाव दल गुलाबगढ़ नहीं पहुंच पाया है। वहीं प्रशासन लोगों तक सहायता पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रहा है।