चेन्नईः तमिलनाडु में एक बैठक के दौरान पंचायत नेत्री को जमीन पर बैठाने का मामले सामने आया है। दरअसल, एक तस्वीर सामने आई हैं, जिसमें एक पंचायत नेत्री बैठक में जमीन पर बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं, जबकि अन्य लोग कुर्सी पर बैठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें इस बैठक की अध्यक्षता करनी थी। इस मामले के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है और इसने गहराई से व्याप्त भेदभावपूर्ण प्रथाओं को एक बार फिर उजागर किया है। यह घटना तमिलनाडु कुड्डालोर की है। कुड्डालोर के जिला कलेक्टर ने मामला सामने आने के पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं।
राजेश्वरी ने कहा है कि इस वर्ष जनवरी में पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही राज समेत हिंदू जाति के अन्य लोग उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं और उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। राजेश्वरी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें जुलाई में हुई पंचाययत की बैठक में वह फर्श पर बैठी हुई दिखाई दे रही हैं जबकि अन्य सदस्य कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
अस्पृश्यता और जाति-आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों के बावजूद भी तमिलनाडु में ये प्रथाएं अब भी चल रही हैं। इनमें कई तरह के प्रतिबंध शामिल हैं। कई गांवों में अनुसूचित जाति के लिए रहने की जगह तक निर्धारित हैं। यहां तक की जहां ऊंची जातियों के लोग रहते हैं, वहां से गुजरने के दौरान उन्हें चप्पल पहनने की भी अनुमति नहीं है।