इंदौर। बरसात में जंगल में हरियाली के लिए महू वनक्षेत्र में पौधारोपण होना था। फरवरी से अप्रैल के बीच पौधारोपण से जुड़े कार्य किए गए, जिसमें गड्ढे खुदाई, मिट्टी-खाद सप्लाई और मजदूरी शामिल है। बिल-वाउचर का भुगतान इंदौर वनमंडल ने किया। अब पौधारोपण कार्यों से जुड़े भुगतान को लेकर आर्थिक अनियमितता सामने आई है। कई ऐसे मजदूरों को भुगतान करना पाया गया है, जिन्होंने कोई कार्य नहीं किया है। कुछ मजदूरों के नाम तो इंदौर-महू दोनों तरफ काम करने में शामिल हैं। मामले में डीएफओ नरेंद्र पंडवा को शिकायत हुई है। जांचकर्ता ने जांच की मांग उठाई है।
मानसून सत्र से पहले वन विभाग पौधारोपण के लिए गड्ढे खुदवाता है। मजदूरों के माध्यम से खोदे जाने वाले गड्ढों को लेकर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। शिकायत में कहा गया है कि फरवरी से अप्रैल माह तक किए गए कार्यों में भारी गड़बडी कर भ्रष्टाचार हुआ है। भुगतान में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि जिन मजदूरों ने काम नहीं किया है, उनके खातों में भुगतान हुआ है। यहां तक कि कुछ मजदूरों को महू और इंदौर में पौधारोपण कार्य करना बताया है।
इंदौर एसडीओ को सौंपी जाएगी जांच
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पौधारोपण कार्यों में ग्रामीण व वन समिति के माध्यम से मजदूरों की मदद ली जाती है। नियमानुसार जिस वनक्षेत्र में कार्य किया जाना है, वहां रहने वाले ग्रामीणों को कार्य से जोड़ना है। मजूदरों के भुगतान में अनियमितता मिली है। सूत्रों के मुताबिक, शिकायत होने के बाद कुछ जिम्मेदारों ने बिल-वाउचर बदल दिए हैं। यही वजह है कि दस्तावेजों को छिपाया जा रहा है। डीएफओ नरेंद्र पंडवा का कहना है कि मामले मेंं इंदौर एसडीओ से जांच करवाई जाएगी।