इंदौर। पौराणिक मान्यता है भोले भंडारी भगवान शिव की आराधना की जाती है तो वे बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत का विशेष पौराणिक महत्व है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, इस साल प्रदोष व्रत पौष माह में 9 जनवरी दिन मंगलवार को है और इस दिन मंगलवार होने के कारण इसे यह भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन विधि पूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
- उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
- द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
- उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव नामावली मंत्र
- ।। श्री शिवाय नम:।।
- ।। श्री शंकराय नम:।।
- ।। श्री महेश्वराय नम:।।
- ।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
- ।। श्री रुद्राय नम:।।
- ।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
- ।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिव प्रार्थना मंत्र
- करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
- विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
- माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
- आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
- ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
प्रदोष व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भक्तों को निरोगी काया प्राप्त होती है और जीवन में कभी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है। इस दिन गौ दान करना शुभ होता है। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है और कर्ज से छुटकारा मिलता है।
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