शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने क्यों कहा- अगर हुई देरी तो पूरे देश से लाएंगे गाय

Om Giri
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नए संसद भवन में प्रवेश के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथों में सेंगोल पकड़ा हुआ था. जिसपर एक गाय की छवि बनी हुई थी. इसको लकेर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए संसद भवन के उद्घाटन में गाय को भी ले जाना चाहिए था. संसद भवन के नीचे सेंगोल को स्थापित किया गया है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूछा कि जब संसद में गाय की मूर्ति का प्रवेश हो सकता है तो फिर एक जिंदा गाय को क्यों नहीं प्रवेश करवाया जा सकता?.

उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में एक असली गाय की उपस्थिति जरूरी थी. अगर इसमें देरी होती है तो हम पूरे देश से गायों को इकट्ठा करेंगे, और उन्हें संसद भवन लेकर आएंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रधानमंत्री और नया भवन असली गाय के आशीर्वाद से समृद्ध है.

गौ सम्मान के लिए प्रोटोकॉल बनाने की मांग

उन्होंने गौ सेवा पर जोर देते हुए महाराष्ट्र सरकार को गौ सम्मान पर एक प्रोटोकॉल बनाने के लिए कहा है. साथ ही ये भी कहा कि गाय का सम्मान कैसे किया जाएगा? इसको लेकर राज्य ने अभी तक घोषित नहीं किया. सरकार को प्रोटोकॉल तैयार करना चाहिए ताकि लोग उसका पालन कर सकें, और इसके उल्लंघन पर क्या सजा होगी? इसे भी तय किया जाए.

रामधाम की स्थापना की मांग

शंकराचार्य ने कहा कि भारत के हर एक विधानसभा क्षेत्र में एक रामधाम हो जो कि 100 गायों की क्षमता वाली गौशाला हो. इसकी मांग की है. उन्होंने इसपर आगे कहा कि देश में 4,123 रामधाम बनाएं जाएं. यहां बने आश्रय स्थलों में हर दिन गौ सेवा, संरक्षण और देशी नस्लों के गौवंश को बढ़ावा देने पर खास ध्यान दिया जाएगा. गायों की देखभाल करने वालों को आर्थिक पुरस्कार दिया जाएगा. 100 गायों का देखभाल करने वाले व्यक्ति को 2 लाख हर महीने दिए जाएंगे.

गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग

होशंगाबाद के सांसद दर्शन सिंह चौधरी के समर्थन में धर्म संसद ने एक बधाई प्रस्ताव पारित किया, जिसमें गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि लोगों को उन्हीं उम्मीदवारों को समर्थन देना चाहिए जो गाय के लिए कानून बनाने के लिए काम करता है. भारत के अंदर गौहत्या पूरी तरह से बंद होनी चाहिए.

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