नए संसद भवन में प्रवेश के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथों में सेंगोल पकड़ा हुआ था. जिसपर एक गाय की छवि बनी हुई थी. इसको लकेर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए संसद भवन के उद्घाटन में गाय को भी ले जाना चाहिए था. संसद भवन के नीचे सेंगोल को स्थापित किया गया है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूछा कि जब संसद में गाय की मूर्ति का प्रवेश हो सकता है तो फिर एक जिंदा गाय को क्यों नहीं प्रवेश करवाया जा सकता?.
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उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में एक असली गाय की उपस्थिति जरूरी थी. अगर इसमें देरी होती है तो हम पूरे देश से गायों को इकट्ठा करेंगे, और उन्हें संसद भवन लेकर आएंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रधानमंत्री और नया भवन असली गाय के आशीर्वाद से समृद्ध है.