भोपाल। बंगाल की खाड़ी में वर्तमान में कोई मौसम प्रणाली मौजूद नहीं है। मानसून द्रोणिका का पश्चिमी छोर भी हिमालय की तलहटी में चला गया है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो रही है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक नर्मदापुरम में 3.2, पचमढ़ी में 1.4, ग्वालियर में 0.7, मंडला में 0.6, जबलपुर में 0.4, सागर में 0.4, खजुराहो में 0.4, भोपाल में 0.3, इंदौर में 0.3 मिलीमीटर बारिश हुई। उज्जैन में बूंदाबांदी हुई।
मौसम ने ली करवट
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून एक बार फिर शिथिल पड़ गया है। अब कहीं-कहीं सिर्फ छिटपुट बौछार ही पड़ सकती हैं। साथ ही वातावरण से नमी कम होने पर अब बादल छंटने से धूप भी निकलने लगेगी। इससे तापमान में बढ़ोतरी होगी। साथ ही उमस भी बढ़ेगी।
वेदर सिस्टम खिसके
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब उत्तरी उत्तर प्रदेश पर सक्रिय हो गया है। एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उससे लगे पंजाब पर द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। उधर मानसून द्रोणिका का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी में चला गया है। बंगाल की खाड़ी में भी फिलहाल कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है।
मानसून की गतिविधियां घटीं
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि किसी भी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण प्रदेश में अब मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगी है। बंगाल की खाड़ी में भी अभी चार-पांच दिन तक किसी मौसम प्रणाली के सक्रिय होने के संकेत भी नहीं हैं। इस वजह से अब मौसम साफ होने लगेगा। हालांकि वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण तापमान बढ़ने पर कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं।