शिप्रा उद्गम स्थल पर श्री 1008 श्री राधेकादास गुरु जी ने २१ दिनों का कठोर तप शुरू कर दिया हैं।
मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी के तट पर जो तप करता है वो निश्चित मौक्ष का भागी बनता है। यही कारण रहा है कि उज्जैन पावन व पवित्र जगह है। जहां सदियों से संत तपस्या करते रहे हैं, लेकिन उज्जैन भगवान भोले का स्थान है, जहां पर मानव अपने कल्याण के लिए बढ़ी तादात में आते है। ऐसे में संत अपने तप को पुरा करने के लिए शांत एवं प्रकृति के बीच में बसे मोक्ष दायिनी मां शिप्रा के उदगम स्थल आते हैं। जहां वे अपना तप पूरा कर मानव कल्याण की कामना भगवान भोले के साथ-साथ मां शिप्रा से करते हैं।
मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी के उदगम स्थल उज्जैनी पर श्री 1008 श्री राधेकादास गुरु जी, जिन्होंने २१ दिनों की कठोर तक शुरू कर दिया है। जिनके दर्शन लाभ हेतु दूर-दूर से भक्तजन आना शुरू हो गए है। शिप्रा उद्गम स्थल उज्जैनी मुंडला दोस्तदार, इंदौर पर महाराजजी इस तपती धूप में अपने चारों ओर गोलाकार में आग जलाकर, बीच अग्नि में मंत्रों का जाप कर रहे हैं यह सुनने में आश्चर्यजनक जरूर लगता है परंतु आप मोक्षदायिनी शिप्रा उद्गम स्थल उज्जैनी इंदौर का आकर अपनी आंखों से स्वयं देख सकते हैं।
जहां आदमी धूप में घर से बाहर नहीं निकल रहा वहीं गुरु जी द्वारा मंत्रों जाप व तपस्या 21दिन दिनों तक शिप्रा उद्गम पर लगातार चलेगी बाकी समय आगरा उत्तर प्रदेश आश्रम पर रहेगी साथियों आइए और मोक्षदायिनी शिप्रा उद्गम के साथ-साथ महान तपस्वी के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त करें, ऐसी हम सभी से उम्मीद करते हैं।