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तांबा या पीतल, किस तरह के बर्तन में खाना बनाना है ज्यादा फायदेमंद?

हम किस बर्तन में खाना बना रहे हैं इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. भारतीय घरों में आमतौर पर खाना बनाने के लिए स्टील, लोहे, पीतल, तांबे और एल्युमिनियम के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी बर्तन में खाना बनाने से उसके स्वाद और पोष्टिकता पर असर पड़ता है. सही बर्तन का चुनाव खाने के खाने के पोषण को और बढ़ा सकता है. आज कल आपने देखा ही होगा की किचन को फैंसी बनाने के लिए कई तरह के बर्तन आ रहे हैं, जो ऐसी धातुओं से बने होते हैं, जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है.

तांबा और पीतल दो ऐसे धातु हैं, जो सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद बताए जाते हैं. पुराने समय में तांबे के बर्तन में खाना पकाया जाता है. हालांकि, आज भी कई लोग तांबे के बर्तन का इस्तेमाल अपने किचन में करते हैं. ऐसा माना जाता है कि तांबे के बर्तन में खाना पकाने से भोजन में न्यूट्रिशन बेहतर तरह से अब्जॉर्ब होते हैं, जिससे पाचन बेहतर रहता है और शरीर को कई फायदे मिलते हैं. वहीं, पीतल भी कई किचन का हिस्सा है और शरीर को फायदे पहुंचाता है. लेकिन दोनों में से किस बर्तन में खाना पकाना ज्यादा फायदेमंद है. चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं.

तांबे के बर्तन में खाना बनाना क्यों है फायदेमंद?

तांबे में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट की समस्याओं को दूर रखते हैं. इसके अलावा तांबा आयरन की कमी को दूर कर हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है, जिससे रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन सही रहता है. तांबे के बर्तन में खाना पकाने या खाने से शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है. साथ ही हड्डियां भी मजबूत होती है. सबसे खास बात ये कि तांबे के बर्तन में खाना जल्दी पकता है और जलने की संभावना कम रहती है. इसमें खाना बनाने से विटामिन्स और मिनरल्स का मात्रा बनी रहती है. फायदे के साथ ही तांबा खाने का स्वाद भी बढ़ाता है.

पीतल में क्यों बनाएं खाना?

कुछ घरों में पीतल के बर्तन का भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप पीतल के बर्तन में खाना पकाती हैं तो इसमें खाना देर तर गर्म रहता है. पीतल में जिंक की मात्रा होती है. ऐसे में जब आप पीतल के बर्तन में खाना पकाती हैं तो ये बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि पीतल के बर्तन में खाना और पकाना दोनों ही अच्छा होता है. इससे पाचन बेहतर रहता है, इम्यूनिटी बूस्ट होती है और खाने के न्यूट्रिशन भी बरकरार रहते हैं.

क्या कहती हैं एक्सपर्ट?

हालांकि, आयुर्वेद एक्सपर्ट किरण गुप्ता बताती हैं कि, पीतल के बर्तन को सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए. उनका कहना है कि पीतल के बर्तन में ग्रेवी और कोई खट्टी सब्जी नहीं पकानी चाहिए. साथ ही इसे खरीदते वक्त ध्यान रखेंगे कि इस पर एक हल्की चांदी की परत होनी चाहिए. ताकि खाने के न्यूट्रिशन बरकरार रह सकें.

तांबा या पीतल, किसमें खाना बनाना है बेहतर?

दोनों ही बर्तन के अपने अलग-अलग फायदे हैं. तांबे की बात करें तो इसमें खाना जल्दी पकता है और स्वादिष्ट बनता है. साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिलाता है. वहीं पीतल में भोजन पकाने से खाने के न्यूट्रिशन की मात्रा कम नहीं होती है और ये टिकाऊ भी होते हैं. कीमत की बात करें तो, तांबा पीतल से थोड़ा महंगा आता है. दोनों ही बर्तनों में खट्टी चीजें पकाना सही नहीं माना जाता है, क्योंकि इसे रिएक्शन हो सकता है. अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें से किसी भी बर्तन को चुन सकते हैं.

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