मराठा आंदोलन का आज 5वां दिन, बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश, 3 बजे तक खाली करें आजाद मैदान

Om Giri
3 Views
7 Min Read

मराठाओं को आरक्षण मिलने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल पिछले 4 दिनों से मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन कर रहे हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज दोपहर 3 बजे तक मुंबई के आजाद मैदान को खाली करने के लिए कहा है. कोर्ट में सरकार ने कहा है कि सरकार कानून के मुताबिक काम करेगी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि आंदोलनकारियों के पास आंदोलन की अनुमति नहीं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आपको 5000 लोगों की अनुमति दी गई थी, लेकिन आपने क्या किया? क्या कदम उठाए?

कोर्ट ने कहा जब आपको ये पता चला कि 60 हजार से 1 लाख लोग शहर में आए हैं तो फिर आपने क्या किया. वहीं मराठा आंदोलनकारियों की ओर से एडवोकेट सतीश मानेशिंदे ने कहा कि हमने मीडिया के जरिए ज्यादा लोगों के शहर से बाहर जाने और गाड़ियों को तय जगह पर खड़ी करने की अपील की थी. कोर्ट ये यह भी कहा कि हम राज्य सरकार से भी पूछेंगे कि उन्होंने क्या किया है. 3 बजे तक अगर उस जगह को नहीं छोड़ा गया तो हम एक्शन लेंगे. 3 बजे आकर आप हमें पूरी जानकारी दीजिए, जिसपर वकील ने कहा कि हमें आज ही नोटिस मिला है, जिसके लिए हम जरूरी कदम उठा रहे हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि जनता के मन में डर बना हुआ है और लोग सड़कों पर डांस कर रहे हैं.

मनोज जरांगे सरकार से बातचीत के लिए तैयार

आमरण अनशन के पांचवें दिन आज उन्होंने उठकर पानी पी लिया है. उनके चेहरे पर कमजोरी भी दिखाई दे रही है. मंगलवार को मनोज जरांगे ने ये कह दिया है कि वो सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. मुंबई पुलिस ने जरांगे और उनकी टीम को आजाद मैदान को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. प्रदर्शनकारियों के कानून के उल्लंघन करने को लेकर जरांगे ने दावा किया है कि किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया. जरांगे ने यह साफ कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वो मुंबई को नहीं छोड़ेंगे.

मनोज जरांगे ने आंदोलकर्ताओं की अपील की

मनोज जरांगे ने आंदोलकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकार रिजर्वेशन की मांग को स्वीकार करे और कुनबी के रूप में मान्यता देने वाले सरकारी आदेश को जारी करे. अगर ऐसा हो जाता है तो मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा. वहीं सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके समर्थकों से सड़कों को साफ, खाली और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कहा था. जिसके बाद जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गिरफ्तार किया गया या फिर मुंबई से बाहर निकालने की कोशिश की तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं.

हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हाई कोर्ट से मराठों को न्याय मिलेगा. हम कोर्ट के सभी नियमों को फॉलो कर रहे हैं. 4,000 से 5,000 तक प्रदर्शनकारी हैं अगर आप चाहें तो हमें घर दे दें. सीएम फडणवीस पर उन्होंने हाई कोर्ट को गलत जानकारी देने का आरोप भी लगाया साथ ही यह भी कहा कि सीएम को कीमत चुकानी पड़ेगी. मराठों को कुनबी घोषित करने के लिए सरकार को सरकारी आदेश जारी करना चाहिए, जिसमें यह साफ हो कि हैदराबाद और सतारा गजेटियर लागू किया जा रहा है. जरांगे ने यह मांग की कि अधिसूचना जो ओबीसी समुदाय के कोटा लाभों को पात्र मराठा समुदाय के ‘ऋषि-सोयारे’ (बल्ड संबंधियों) तक बढ़ावा देती है उसे भी तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए.

आंदोलनकारियों से जरांगे की शांति की अपील

आजाद मैदान में मनोज ज़रांगे ने अपने समर्थकों से अपील की कि ऐसा कुछ मत करो जिससे आम जनता को दिक्कत हो. रेलवे प्रशासन हमारी मदद कर रहा है. आप रेलवे स्टेशनों पर आराम करो लेकिन हंगामा मत करो. सीएसटी के पास अपने समूह को हटा दो उसे पुलिस से बात करके किसी मैदान में लगाओ. हाई कोर्ट ने आज शाम तक सभी सड़कों पर पुराने डाक्यूमेंट्स के सामान को हटाने का आदेश दिया है. आजाद मैदान के बाहर अब भी जाम है.

भोजन की व्यवस्था

भोजन भाकरी ठेचा बांटने वाले 50 ट्रक खड़े हैं, हर ट्रक में 1 हजार लोगों के लिए भाकरी और भोजन-मराठा आंदोलनकारियों के साथ आम मुम्बईकरों को भी बांटे जा रहे है. आंदोलनकारियों का कहना है कि भाकरी भोजन ये अपने जिलों-गांवों से ट्रैकों में हर रोज मंगा रहे है और लोगो को बांट रहे हैं. सड़क पर गिरे कूड़े को भी मराठा आंदोलनकारी खुद ही साफ कर रहे हैं.

मुंबई में ट्रैफिक की स्थिति

मुंबई पुलिस ने सीएसटी रेलवे स्टेशन के सामने के दादाभाई नौरोजी रोड से रातभर सभी वाहन हटाए, जिसके बाद जेजे फ्लाईओवर से सीएसटी और चर्चगेट आने वाले डीएन रोड पर दोनों तरफ का ट्रफिक क्लियर हो गया है और दोनों तरफ रोड पर वाहन का आवागमन शुरू हो गया है. डीएन रोड पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात है. इसी बीच सोलापुर जिले के बारषि तहसील के हनुमंत घायतिलक भी मराठा आंदोलनकारियों को गाड़ी सड़क से हटाने के लिए समझाते दिखाई दिए.

Share This Article