महाराष्ट्र मराठा आरक्षण: कल से पानी भी छोड़ देंगे मनोज जरांगे पाटिल, समर्थकों से बोले- किसी से रेनकोट-छतरी भी मत लो

Om Giri
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मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग के आधार पर आरक्षण देने की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में शुक्रवार को भूख हड़ताल शुरू की. आज उनकी भूख हड़ताल का तीसरा दिन है. जिसके बाद उनकी तबियत भी बिगड़ गई. इस बीच अब मनोज जरांगे ने यह कह दिया कि वो पानी तक नहीं पियेंगेजरांगे पाटिल ने 29 अगस्त से अनाज का सेवन बंद कर दिया था और वो केवल पानी पर निर्भर थे, लेकिन अब सोमवार 1 सितंबर से वो पानी पीना भी बंद कर देंगे. मनोज जरांगे अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे.

मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि कल से में बिना पानी अनशन करूंगा. अनाज तो मैंने उसी दिन से छोड़ दिया था जब से मैं आजाद मैदान में आया हूं. आप सभी शांति बनाए रखें. किसी भी प्रकार का हंगामा या उपद्रव न करें. मैं आप सभी को भरोसा दिलाता हूं कि जब तक हमें आरक्षण नहीं मिलता तब तक मैं आजाद मैदान को नहीं छोडू़ंगा. लेकिन हमारी यह लड़ाई पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगी. किसी भी तरह की पत्थरबाजी या हिंसा नहीं होनी चाहिए. आम मुंबई की जनता को कोई परेशानी नहीं पहुंचनी चाहिए.

रेनकोट और छतरी की गरज नहीं- मनोज जरांगे पाटिल

भोजन के लिए किसी को भी पैसे न दें. जो भी खाना बांट रहे हैं उनको पैसे मत दो. खाना हमारे समाज के लोग उपलब्ध करा रहे हैं. कोई अगर छतरी या रेनकोट बांट रहा हो तो उसे मत लो, हमें रेनकोट और छतरी की कोई गरज नहीं हैं. मराठा आरक्षण को लेकर के बीते तीन दिनों से मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान पर मराठा नेता मनोज जरंगे पाटिल के नेतृत्व में लाखों की संख्या में मराठा मुंबई में आंदोलन कर रहे हैं.

ओबीसी आरक्षण और संवैधानिक पहलू

मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि हम हमारे अधिकार मांग रहे हैं जो की बिल्कुल संवैधानिक रूप रेखा के अंतर्गत आता है. सरकार हमें ओबीसी कोटा के अंतर्गत कुनबी प्रमाण पत्र देकर हमारी मांगों को पूरी करें. इसके अलावा मनोज जरंगे पाटिल ने कहा कि उनकी मांग जायज है. सरकार बहाने बना रही है. सरकार या तो उनकी मांग पूरी करें या तो उनके करने का इंतजार करें तभी या आंदोलन खत्म होगा.

मराठा आंदोलनकारियों की मुश्किलें

बारिश और धूप दोनों ही मुंबई में बनी हुई है, लेकिन बीते तीन दिनों से आंदोलनकर्ता अपनी मांगों को लेकर मराठा आजाद मैदान परिसर में बने हुए हैं. बालासाहब ठाकरे के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई की रफ्तार रोक दी है, लेकिन मराठाओं की ऊर्जा में कोई कमी नहीं है. मराठा आंदोलनकर्ता अब देसी खाने से अपना पेट भर रहें है. आंदोलनकर्ताओं ने कहा कि वो इस खाने से संतुष्ट हैं. सरकार अपनी तरफ से कुछ सुविधा नहीं दे रही है, लेकिन वो अपनी व्यवस्था खुद कर रहे हैं. कुछ का कहना है कि उन्हें शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई. इसके अलावा आंदोलनकर्ताओं ने राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार और पुलिस उनकी गाड़ियों को मुंबई में घुसने से रोक रही है.

सरकार ने वादा किया है तो निभाना पड़ेगा- अबू आजमी

अबू आजमी ने कहा कि सरकार ने यह बात सदन में कही थी और वादा किया था कि चाहे मुसलमानों का आरक्षण हो, मराठाओं का दोनों को मिलना चाहिए. सरकार चाहे तो पार्लियामेंट में जाकर विशेष कानून के तहत फैसला ले सकती है अगर कूवत नहीं थी तो वादा भी नहीं करना था, अब जो मांगें हैं सरकार उन्हें पूरा करे.

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